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सीधा सवाल। चिकारड़ा। जब तक गाय को राष्ट्र माता का दर्जा नहीं मिलेगा तब तक संरक्षण नहीं हो सकेगा । गाय में 33 कोटि देवता निवास करता है । गाय को माता मानकर पूजा करते हुए धर्म लाभ लेना चाहिए ।
उक्त बात 1008 श्री गंगागिरीजी महाराज ने चौथे पड़ाव के अवसर श्री महावीर गोपाल गौशाला में भजन संध्या के मौके पर कहि । वही बताया कि इस पंच कोशी यात्रा में गोरधन परिक्रमा की तरह सांवलिया जी मे भी परिक्रमा स्थल बने । जिससे सांवलिया जी धाम आने वाले श्रद्धालुओं को भी आसपास के अन्य दर्शन स्थलों का भी लाभ मिल सके । इसी बात को लेकर पिछले 3 सालों से पंचकोशी यात्रा का आयोजन किया जा रहा है जिसमें 84 किलोमीटर की यात्रा रहती है । जबकि गोवर्धन परिक्रमा में 84 कोस होते हैं । उन्होंने इस मौके पर यह भी कहा कि सांवलिया जी मंदिर मंडल को भी इसमें सहयोग करते हुए इस परिक्रमा में विभिन्न स्थानों पर ठहराव की व्यवस्था के साथ पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पेड़ पौधे लगाने का भी जिंम्मा लेना चाहिए । जिससे श्रद्धालुओं के ठहराव की व्यवस्था हो सके । इस पंचकोशी यात्रा में 84 किलोमीटर के दायरे में लगभग 34 से अधिक गांव तथा दर्शनीय स्थल आते हैं। उक्त बात तृतीय पंचकोशी पदयात्रा के समापन के अवसर पर कहीं। यहा यह बतादे की सांवलियाजी नव बृज विहार निःशुल्क तृतिय पंच कोसी पदयात्रा श्री 1008 श्री स्वामी गंगा गिरीजी महाराज के सानिध्य में दिनाक 1 जून 2025 से प्रारम्भ होकर 5 जून 2025 को सांवलिया जी मे समापन हुआ । इस यात्रा में सेवा प्रबंधक के रूप में मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के पलसोड़ा के ग्रामीण के साथ चिकारड़ा श्री महावीर गोपाल गौशाला समिति रही । पंचकोशी पद यात्रा कार्यक्रम में दिनाक 01 जून 2025 रविवार ज्येष्ठ सुदी छट प्रातः 6 बजे से श्री गोवर्धन बस स्टेण्ड सांवलियाजी ग्राम - मण्डफीया से प्रारम्भ होकर ग्राम अमरपूरा, केसरखेडी, नेशनल हाईवे रोड क्रास करते हुए भादसोडा ग्राम बाले सांवलियाजी के दर्शन करके ग्राम भादसोडा मिरागंज खांकलदेवजी मंदिर पर प्रथम रात्री विश्राम- 17 किलोमीटर दूरी तय करने पर किया गया । वही 02 जून 2025, सोमवार प्रातः खांखल देवजी मंदिर से शनि महाराज के दर्शन करके वापस नेशनल हाईवे क्रास करके बड़ा सांवलियाजी (हाईवे पर) दर्शन करते हुए अनगढ़ वावजी दुसरा रात्री विश्राम 18 किलोमीटर दूरी तय किया 03 जून मंगलवार को प्रातः अनगढ़ बावजी से नरबदिया ,आक्या, भदेसर व धनेश्वर महादेव मंदिर दर्शन करते हुए भदेसर भेरू जी के यहां पर तीसरा रात्री विश्वाम जो कि 17 किलोमीटर का था किया गया । 4 जून बुधवार प्रातः भदेसर भेरू जी से ऑवरी माता, आकोला खुर्द, फतेपुरा, आकोलागढ़, चिकारड़ा श्री महावीर गोपाल गौशाला चौथा रात्री विश्राम 16 किलोमीटर पर किया गया । 05 जून गुरुवार को प्रातः चिकारडा श्री महावीर गोपाल गौशाला से ग्राम चिकारडा उदयपुर रोड़ पर मोरवन ग्राम के पास पेट्रोल पंप से सगज बावजी मंदिर, आजमपुरा, नाड़ाखेड़ा, घोड़ा खेड़ा होते हुए सांवलियाजी मण्डफीया पहुचें जहा 16 किलोमीटर पर विश्राम के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस तरह 84 किलोमीटर की 5 दिवसीय पंच कोशी यात्रा का समापन 5 जून को सांवलियाजी में हुआ । सेवा प्रबंधन ने बताया कि पंच कोसी पदयात्रा में 5 दिनों तक पद यात्रियों ने विभिन्न दर्शनीय स्थलों के दर्शन लाभ लिए । विभिन्न स्थानों पर रात्रि कार्यक्रम में भजनों का आनंद लिया गया । चिकारड़ा में यात्रियों के साथ श्री रामचरित मानस मंडल चिकारड़ा की ओर से संगीतमय सुंदरकांड पाठ किया गया । वहीं महिला पुरुषों में जम कर भजनों पर नृत्य किया । महावीर गोपाल गौशाला में कार्यक्रम से पूर्व गौशाला परिवार की ओर से पंचकोशी यात्रा के आयोजकों को तस्वीर माला दुपट्टा पहना कर स्वागत किया गया । स्वागत की कड़ी में गौशाला अध्यक्ष शोभग मल छाजेड़, दिनेश अग्रवाल रामेश्वर लाल खंडेलवाल मदनलाल खंडेलवाल लक्ष्मी लाल मेनारिया महेंद्र सिंह अकोलागढ़ ललित लखारा रामचंद्र सोनी थे । वही अन्य ग्रामीणों द्वारा भी पद यात्रियों का भव्य स्वागत किया गया । सैकड़ो की संख्या में पहुंचे पद यात्रियों के लिए महावीर गोपाल गौशाला में भोजन के साथ चाय नाश्ता की व्यवस्था की गई।