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सीधा सवाल। छोटीसादड़ी। न्यायालय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, छोटीसादड़ी ने एक चैक अनादरण मामले में सुनवाई करते हुए आरोपी को दोषसिद्ध घोषित करते हुए एक वर्ष के साधारण कारावास एवं एक लाख 23 हजार 333 रुपये क्षतिपूर्ति की सजा सुनाई है। परिवादी के एडवोकेट मुबारक हुसैन ने जानकारी देते हुए बताया कि
परिवादी सौरभ कुमार, निवासी छोटीसादड़ी ने आरोपी विपुल पुत्र अमृतलाल, निवासी गोमाना के विरुद्ध 1 लाख रुपये की उधारी के बदले दिये गये चैक के अनादरण का मामला दर्ज कराया था। परिवादी द्वारा 31 अगस्त 2020 को चैक बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा छोटीसादड़ी में भुगतान हेतु प्रस्तुत किया गया, जो अपर्याप्त राशि के कारण अनादरित होकर लौटा। परिवादी द्वारा आरोपी को नोटिस जारी कर चैक राशि की मांग की गई, किंतु निर्धारित अवधि में भुगतान नहीं किया गया। न्यायालय ने दस्तावेजों और मौखिक साक्ष्य के आधार पर पाया कि चैक पर आरोपी के हस्ताक्षर एवं बैंक खाता उसका होना स्वीकार किया गया, किंतु उधारी लेने से इनकार करते हुए कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया।
अदालत ने मामले में धारा 138 परक्राम्य लिखत अधिनियम के तहत आरोपी को दोषी मानते हुए निर्णय दिया कि यह एक गंभीर आर्थिक अपराध है, जिस पर परिवीक्षा का लाभ देना उचित नहीं होगा। न्यायाधीश मनीषा अग्रवाल ने आरोपी विपुल को एक वर्ष का साधारण कारावास और एक लाख 23 हजार की क्षतिपूर्ति राशि का दण्ड दिया। राशि अदा न करने की स्थिति में एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।