views

सीधा सवाल। डूंगला। अफीम किसान संघ राजस्थान-मध्यप्रदेश के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को डूंगला उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर वर्ष 2018 से लेकर 2024 तक के डोडा चुरा नष्टीकरण का प्रमाण पत्र जारी करने और मुआवजा देने की मांग की। किसानों ने बताया कि उन्होंने नियमानुसार अपने खेतों में डोडा चुरा को नष्ट कर दिया था, जिसकी सूचना और प्रमाण पूर्व में सरकार व संबंधित विभागों को दी जा चुकी है।
ज्ञापन में किसानों ने उल्लेख किया कि उन्होंने पूर्व सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, उदयलाल आंजना समेत अन्य जनप्रतिनिधियों के मौखिक निर्देशों के अनुसार डोडा चुरा को खेत में जोतकर नष्ट किया था। इस दौरान किसी भी प्रकार के डोडा चुरा का दुरुपयोग नहीं हुआ। किसानों का कहना है कि नष्टीकरण की इस प्रक्रिया के बावजूद उन्हें अब तक मुआवजा नहीं मिला है। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि आबकारी विभाग द्वारा समाचार पत्रों के माध्यम से विज्ञप्ति जारी कर डोडा चुरा की घोषणा संबंधी सूचना दी गई थी, जिस आधार पर किसानों ने फसल वर्ष 2019 से 2023 तक का डोडा चुरा नष्ट कर दिया। अब जबकि सी. फार्म की पूर्ति की जा रही है, तो विभाग को निर्देश दिए जाएं कि किसानों से पुरानी फसल का कोई बकाया या कानूनी कार्रवाई न की जाए, क्योंकि किसान हमेशा नियमों के तहत सहयोग करने को तैयार रहे हैं।
अफीम किसान संघ ने मांग की कि वर्ष 2024-25 के लिए डोडा चुरा मुआवजा अंतरराष्ट्रीय बाजार मूल्य के अनुसार तय किया जाए और बीते छह वर्षों का डोडा चुरा नष्ट मानते हुए सी. फार्म भरकर किसानों को राहत दी जाए।