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सीधा सवाल। कनेरा। अठाना-राजस्थान तथा मध्यप्रदेश की मेवाड़ मालवा की अरावली सीमा पर स्थित श्री शुकदेव मुनि की तपस्थली, तीर्थ स्थल श्री सुखानंद धाम पर श्री सत्यानंद आश्रम का शुभ आगमन हुआ।इस दौरान गुरु पूर्णिमा व्यास पूजा के पावन अवसर पर सुखानंद में ही नवनिर्मित आश्रम पर स्वामी सत्यानंद सरस्वती जी महाराज द्वारा मोली बंधन खोल कर लोकार्पण किया गया। इस पावन अवसर पर बडी दूर सुदूरवर्ती क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हुआ और स्वामी सत्यानंद सरस्वती का भी दर्शन लाभ अर्जित किया और आशीर्वचन लिया। नवनिर्मित डोम में आयोजित धर्म सभा में गुरु जी स्वामी सत्यानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि यहां प्राचीन काल में भागवत रचयिता वेदव्यास पुत्र मुनि शुकदेव ने तपस्या करके सनातन धर्म को एक सूत्र में पिरोने का पुनीत कार्य किया । अरावली की सुऱंम्य पहाड़ियों में प्राचीन धार्मिक तीर्थ भूमि श्री सुखानंद बहुत ही रमणीय खूबसूरत मन को मोहने वाला तीर्थ स्थल है जिसका धार्मिक पर्यटन के रूप में क्षेंत्रीय जावद विधानसभा के पूर्व मंत्री एवं विधायक अशोक कुमार सखलेचा द्वारा उत्तरोत्तर विकास किया जा रहा है। यहां का शांत वातावरण देखकर मुनी सुखदेव की तपोभूमि पर एक आश्रम बनाने का विचार भक्त मंडलों द्वारा किया गया था। उसी अनुसार यहां यह आश्रम बनाया गया है ,आश्रम में आम नागरिकों के लिए सदैव धर्म उपदेश धार्मिक रीति रिवाज विशेष कर छात्र-छात्राओं आम नागरिकों के लिए व्याख्यान संवाद निरंतर जारी रहेगा । अंचल में आवश्यकता हुई तो आसपास के शिक्षा मंदिरों संकुलों में जाकर भी छात्र छात्राओं को व्याख्यान देकर संवाद किया जाएगा। सुखानंद धाम पर दूर-दूर से तीर्थ यात्री आते हैं अपने परिजनों के अस्ति विसर्जन कर मोक्ष की कामनाएं करते हैं। यहां गुप्त गंगा विराजमान है ।पौराणिक स्थल होने से ऋषि संतो महंतों की तपस्थली भी रही है । इसीलिए इस धार्मिक स्थल को छोटा हरिद्वार के नाम से भी जाना जाता है। स्वामी जी ने वर्तमान समय पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि देश में जब तक हिंदू संगठित नहीं होता है तब तक सनातन धर्म पर बहुत संकट बना रहैगा । हम केवल नाम के हिन्दू बनकर रह जाएंगे । आज हिंदू राजनीतिक पार्टियों में और जातियों में बंटा हुआ है। हिंदुत्व सनातनी के लिए आने वाले समय के लिए शुभ संकेत नहीं कहा जा सकता। आज आवश्यकता है सभी हिंदू संगठित हो सनातन धर्म को अधिकतम एक जुट होकर रहना चाहिए कारण यह है कि इस्लाम को मानने वालों के दस लाख मदरसे है जहां उनके बच्चों को इस्लाम धर्म की शिक्षा दी जाती है । लेकिन अफसोस यह है कि सनातन धर्म मानने वालों के लिए दस हजार भी गुरु कुल या सनातनी शिक्षा देने नही के बराबर है। आज गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को गुरु पूर्णिमा की गुरु जी की ओर से शुभ आशीर्वाद है । स्वामी जी ने कहा कि मुझे तो स्वयं यहां गंगा मय्या सुखदेव मुनि ने बुलाया है । और यहीं रहकर सनातन धर्म के लिए जितना बनेगा उतना धर्म के लिए काज करेंगे। सनातन राष्ट्र धर्म के लिए स्कूल विद्यालयों में भी पहुंचकर छात्र-छात्राओं को संवाद करेंगे सनातन धर्म के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे । कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक श्री ओमप्रकाश सखलेचा सहित अन्य जनप्रतिनिधि वरिष्ठ नागरिकों ने भी स्वामी जी से आशीर्वाद लिया । इस दौरान स्वामी जी के अनुयायियों की बड़ी संख्या राजस्थान मध्य प्रदेश गुजरात उत्तर प्रदेश से पहुंचकर गुरु वंदना गुरु चरण पादुका पूजन कर आशीर्वाद लिया । पप्पू भाई हलवाई के सौजन्य से सामूहिक भंडार आयोजित किया गया जिसमें हजारों नागरिक ने भोजन प्रसादी ग्रहण का लाभ लिया। इसी तरह राष्ट्रीय संत स्वामी श्री सत्यानंद जी सरस्वती (पीएचडी दर्शन शास्त्र) वृंदावन वालों के कर कमलों द्वारा कल 10 जुलाई गुरुवार को सुखानंद मेला परिसर स्थित अर्जुन धनगर निकुंज वाटिका के समीप नवनिर्मित श्री सत्यानंद आश्रम का लोकार्पण भव्य समारोह पूर्वक किया गया है। धार्मिक आयोजन से पुरे मालवा मेवाड हाड़ोती सीमावर्ती क्षेत्र में हर्ष व्याप्त हो रहा है।
आयोजन भक्त समिति ने जारी प्रेस नोट में बताया है कि गुरू पूर्णिमा के पावन दिवस 10 जुलाई, गुरूवार को प्रातः 9 बजे विद्धान पंडितों के विधि विधान, मंत्रोच्चार से आश्रम का शुभारंभ समारोह पूर्वक सानंद संपन्न हुआ । आयोजन स्थल पर सुशील जैन एवं कन्हैयालाल धाकड़ सरदार को एक पर्स अंजना वैश्णव चितौड़गढ़ का मिला जिसमें मोबाइल आधार कार्ड और हजारों की नगदी रखी हुई थी उक्त पर्स आश्रम कार्यालय में जमा कराया है । किसी भी बहन का हो अपनी पहचान बताकर सत्यानंद आश्रम से प्राप्त करें । इस भव्य सनातनी समारोह का कवरेज अठाना के वरिष्ठ पत्रकार शांतिलाल चौहान द्वारा किया गया।