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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। रामद्वारा चित्तौड़गढ़ चल रहे भक्तमाल प्रवचन के दौरान गजेन्द्र मोक्ष की महिमा बताई। शुक्ल पक्ष में सूर्य उदय से पूर्व गजेन्द्र मोक्ष की स्तुति करते हैं तो मोक्ष की प्राप्ति होती है। मनुष्य कभी कर्ज से परेशान नहीं रहता है। यही प्रसंग रामस्नेही सम्प्रदाय के स्वामी रामचरण महाराज द्वारा चिंतन दिया है। भगवान के 24 अवतारों में शुक्रवार को हंसावतार के प्रवचन में कहा कि अपनी आत्मा को भगवत चरणों में लगा देने से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।
नाभा जी महाराज ने भक्तमाल ग्रन्थ में बताया कि सतगुग, त्रेतायुग, द्वापर एवं कलयुग चारों युग एक-एक हजार वर्ष होने पर एक कल्प और एक हजार कल्प युग के बाद महाराज मनु का एक दिन होता है। महाराज मनु के द्वारा सृष्टि की उत्पति तथा महाराज मनु ने इस मानव जीव की उत्पति होना बताया। मनु के कुल पांच संतान हुई। तीन कन्या से दो पुत्र हुए। इन पांचों संतानों से ही आज यह सृष्टि चल रही है। हंसावतार के बाद यज्ञावतार का वर्णन किया। यज्ञ का विवाह दक्षिणा के साथ हुआ एवं सुयम पुत्र प्राप्त हुआ। यज्ञ अवतार के बाद भगवान रिषभ का वर्णन बताया। रिषभ महाराज के 100 पुत्र थे। 100 पुत्रों में ज्येष्ठ पुत्र भरत महाराज हुए जो मौन वाद प्राप्त किया।
