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निम्बाहेड़ा।
निम्बाहेड़ा एवं भदेसर उपखंड क्षेत्र के क्रेशर व माइंस एसोसिएशन के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने राज्य सरकार द्वारा लागू किए जा रहे नियमों के विरोध में मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन पूर्व स्वायत्त शासन मंत्री एवं विधायक श्रीचंद कृपलानी को सौंपा।
क्रेशर एवं माइंस एसोसिएशन अध्यक्ष ने बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा माइंस एवं गिट्टी क्रेशर संचालन को लेकर नियमों में कुछ बदलाव किए हैं, जो इस व्यवसाय के संचालनकर्ताओं के हितों में नहीं है। ज्ञापन के माध्यम से इन नियमों में शिथिलता देने के साथ इन नियमों में बदलाव करने की मांग की गई है।
ज्ञापन के माध्यम से एसोसिएशन अध्यक्ष ने विधायक कृपलानी को बताया कि राजस्थान सरकार ने रॉयल्टी राशि में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी, अव्यवहारिक ड्रोन सर्वे नियम इस मामले में आईबीएम की एसओपी को ही माइनर मिनरल पर लागू करने, आरएमएमसीआर 2017 के नियमों को व्यवहारिक करने, भारत सरकार की अधिसूचना 14.9.2006 के नियमों के विरुद्ध सीधा राजस्थान द्वारा एनवायरमेंट क्लीयरेंस लेते समय लागू किए गए नियम की पालना करने, खनन एवं के्रशर व्यवसाय को उद्योग का दर्जा देने, खनन माफियाओं द्वारा किए गए अवैध खनन को वैध खनन पट्टाधिकारियों पर डालने से रोकने, रॉयल्टी ठेकेदारों द्वारा मनमानी वसूली को रोकने, खनन अधिकारियों द्वारा लीजधारकों के पुराने निर्गमित किए जा चुके रॉयल्टी पैड खनिज को एआई के माध्यम से बनाए जा रहे पंचनामों पर संपूर्ण रोक लगाने, खनिज विभाग की साइट को परिवहन विभाग से डीलिंक करने या परिवहन एमनेस्टी स्कीम को खत्म करने, खनन पट्टी के ट्रांसफर को राजस्व कलेक्शन का जरिया नहीं बनाकर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कम खर्चे पर ही ट्रांसफर करने की स्वीकृति देने तथा वर्तमान में बाजार में मंदी के दौर में बजरी की उपलब्धता नहीं होने के कारण चुनाई पत्थर व गिट्टी की खपत कम होने तथा ठेकेदारों के द्वारा समय पर भुगतान नहीं आने से नॉन वर्किंग के नाम पर खनन पट्टे खंडित नहीं करने की मांग की है।