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सीधा सवाल। चिकारड़ा। मंगलवार रात्रि से ही चली शीतलहर के प्रकोप ने ग्रामीणों को झगझोर दिया। मंगलवार रात्रि 10 बजे के बाद से ही ठंडी बयार के चलते ग्रामीणों को धुजने पर मजबूर कर दिया। जिसके चलते ग्रामीण कंबल रजाई में दुबके रहे। वही गर्म कपड़ों का भी साथ नही छोड़ा । बुधवार अल सुबह से ही ठंडी हवाओं के बहने के चलते ग्रामीण गर्म कपड़े ओढ़े हुए अलाव तापते नजर आए। जिधर देखो उधर ग्रामीण झुंड में अलाव लिए तापते दिखे। बुधवार का दिन पोष माह की सर्दी का सबसे ठंडा दिन रहा । रात्रि से ही धुंध के चलते वाहन चालक सहित यात्री परेशान होते दिखाई दिए । विजिबिलिटी की बात करें तो 15 से 20 मीटर की दूरी तक भी साफ नही दिखाई दे रहा था । यहां यह बता दे की दक्षिण से आने वाली सर्द हवाओ ने ठिठुरन बढ़ाने में अपनी अहम भूमिका निभाई । जिसके चलते ग्रामीण दिन भर धुणी तापते रहे । पिछले एक सप्ताह से सर्दी के जोर ने ग्रामीणों को गर्म कपड़ों में दुबकने को मजबूर किया। इस प्रचंड सर्दी में भी किसान वर्ग फसलों को पानी देने के लिए खेतों में खड़ा दिखाई दिया। चाहे दिन हो या रात फसलों को पानी तो देना ही है। इस प्रचंड सर्दी के चलते ग्रामीणों में सर्दी खांसी बुखार के मरीज दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। वही स्वास रोगियों के हालत तो देखने लायक थे । इधर डॉक्टर यतेंद्र बुढ़ानिया ने बताया की इस प्रचंड सर्दी में विशेष कर बचाव ही उपचार है।