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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। राजकीय कन्या महाविद्यालय चित्तौड़गढ़ में स्थापित भारतीय ज्ञान परम्परा केन्द्र द्वारा प्रायोजित संस्कृत संभाषण शिविर के समापन कार्यक्रम का शुभारम्भ प्राचार्य डॉ गौतम कुमार कूकड़ा की अध्यक्षता में सामुहिक सस्वर सरस्वती वन्दना और पुष्पार्पण के साथ हुआ। प्राचार्य डॉ गौतम कुमार कूकड़ा ने बताया कि नयी शिक्षा नीति और आयुक्तालय के निर्देशानुसार कन्या महाविद्यालय में भारतीय ज्ञान परम्परा केन्द्र की शुरुआत की गयी है। भारत के प्राचीन ज्ञान के अधिकांश शास्त्र संस्कृत भाषा में रचित होने कारण भारतीय ज्ञान परम्परा केन्द्र में सर्वप्रथम पञ्चदशदिवसीय संस्कृत संभाषण शिविर का आयोजन किया गया है ताकि छात्राएं भारतीय प्राचीन ज्ञान के गूढतम ज्ञान और आगामी सभी कार्यक्रमों को अच्छे से समझ सके। भारतीय ज्ञान परम्परा केन्द्र के नोडल ऑफिसर श्याम सुन्दर पारीक ने बताया कि इस पञ्चदशदिवसीय संस्कृत संभाषण शिविर में सरल संस्कृत संभाषण, प्राचीन वृक्षों, पादपो, सब्जियों, खाद्यान्न सामग्री, शरीर के अंगों, साहित्य और संगीतविधाओं की जानकारी दी गयी है। कार्यक्रम में अल्का गर्ग, पायल खंगारोत, ज्योति तेली और आरति रेगर ने सस्वर "वन्दे मातृभुवं वन्दे" नामक संगीतमय राष्ट्रभक्तिपरक सामूहिक गीत प्रस्तुत किया। छात्रा रचना पूर्बिया ने "मनसा सततं रमणीयम्" पद्य द्वारा भारतीय ज्ञान परम्परा केन्द्र का उद्देश्य संंस्कृत में गाकर सुनाया। शिविरार्थी गौरी शर्मा, रेणु माली और निशि शर्मा ने भारतीय ज्ञान परम्परा केन्द्र और संस्कृत संभाषण शिविर के अपने अनुभव प्रस्तुत किये। 15 दिन चले इस शिविर में 50 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया जिन्होंने धाराप्रवाह संंस्कृत बोलने और प्राचीन ज्ञान के मूल संस्कृत ग्रंथों को पढ़ने में दक्षता भी प्राप्त की है। प्राचार्य महोदय द्वारा सभी शिविरार्थियों को गणतंत्र दिवस पर सम्मानित करने की घोषणा भी इस कार्यक्रम में की है। कार्यक्रम में आईक्युएसी समन्वयक डॉ सी.एल. महावर, विज्ञान संकायाध्यक्ष डॉ लोकेश जसोरिया, सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी डॉ ज्योति कुमारी, छात्रवृत्ति प्रभारी रेखा मेहता, खेल प्रभारी रिंकी गुप्ता, स्काउट रेजरिंग प्रभारी जयश्री कुदाल, साहित्यिक समिति प्रभारी शंकर बाई मीणा, राष्ट्रीय सेवा योजना प्रभारी डॉ जसप्रीत कौर, वेबसाइट प्रभारी डॉ प्रीतेश राणा, सहायक प्रशासनिक अधिकारी प्रभुलाल गुर्जर, वरिष्ठ सहायक शांतिलाल मेघवाल, पुस्तकालयाध्यक्षा वन्दना शर्मा, अतिथि सहायक आचार्य शेराबानु पिंजारा, आकाश जोशी, अमित भारती, जगदीश नाई , यशोदा बाई और गोपाल लक्षकार भी उपस्थित रहे।