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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। भगवती बाल गृह बस्सी में आवासित दो बालकों के पिता के आकस्मिक निधन पर बालगृह संचालक, एवं बाल अधिकारिता विभाग ने पहल कर धार्मिक रीति रिवाज से उनकी चित्तौड़गढ़ शहर मोक्षधाम पर विधि विधान से अंत्येष्टि करवाई। भगवती बाल गृह के संचालक रामगोपाल ओझा ने बताया कि शनिवार शाम को यह जानकारी मिली कि बालगृह में आवासित दो बालक के पिता जो चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन के पास होटल पर कार्य करते हैं उनका शनिवार प्रातः आकस्मिक स्वर्गवास हो गया। इनका शव जिला चिकित्सालय के मोर्चरी में रखवाया हुआ है। संस्था ने बाल कल्याण समिति की स्वीकृति उपरान्त बच्चों को चिकित्सालय ले गए, जहां बच्चों ने अपने पिता को पहचान लिया। फिर पुलिस विभाग के हेड कांस्टेबल महेन्द्र गुर्जर के सहयोग से रविवार सुबह मोर्चरी से पार्थिव शरीर प्राप्त कर बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक ओम प्रकाश तोषनीवाल, पुलिस विभाग के कार्मिक, जाजम परिवार के कुलदीप बजाज, बद्री काबरा बाल गृह के कार्मिक समाज सेवी आदि ने सहभागिता कर शव यात्रा को शहर मोक्ष धाम पर लाए। यहां पर सहायक निदेशक की उपस्थिति में ही हिन्दू धार्मिक रीति रिवाज से दिवंगत का अन्तिम संस्कार किया गया। अन्तिम संस्कार के समय समाजसेवी सुरेश कल, विनीत लड्ढा, सोनू काबरा, मुकेश ईनाणी, पंकज मोदी, ओमप्रकाश गदिया, वीरेन्द्र कुमार, नन्दलाल, अनिल कोठारी, रेलवे स्टेशन एरिया के व्यापारी एवं समाज सेवी आदि उपस्थित थे। इन्होंने अन्तिम संस्कार के आर्थिक सहयोग करने की बात कही। इस पर संस्था अध्यक्ष राम गोपाल ओझा ने कहा कि ये हमारे बाल गृह परिवार के सदस्य हैं, जिनकी न सिर्फ़ अंत्येष्टि अपितु बच्चों को हरिद्वार भेज कर उनके पिता के अस्थि विसर्जन एवं सभी 12 दिनों के धार्मिक विधि विधान की जिम्मेदारी संस्था द्वारा वहन किया जाएगी। साथ ही बच्चों को भविष्य को भी संवारने का कार्य किया जाएगा।