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सीधा सवाल। चित्तौडगढ़। शराब ठेकेदार यूनियन की बैठक सोमवार को जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश सुहालका के नेतृत्व में रखी गई। बैठक में नई आबकारी नीति का व्यावहारिक नहीं होने पर रोष जाहिर किया गया। गत 2 साल से चल रहे आंदोलन में यूनियन को जिन मांगों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है उन पर सरकार ने कोई भी विचार नहीं किया है। इसके विरोध में आगामी 4 फरवरी को सुबह 10 बजे से 12 बजे तक पूरे प्रदेश में शराब दुकानों के शटर डाउन रखने के प्रदेश नेतृत्व के आदेश की पालना पर चर्चा की गई। सभी ठेकेदारों की विभिन्न मांगों को जब तक पूरा नहीं किया जाता है, आगामी पॉलिसी में भाग नहीं लेकर बहिष्कार करने की योजना बनाई है। ठेकेदारों की मांग है कि क्लस्टर व्यवस्था को तुरन्त समाप्त किया जाए। दुकानों का समय रात्रि 11 बजे तक किया जाए, काला बाजारी पर पाबंदी लग सके। मदिरा दुकानों पर पुलिस का हस्तक्षेप बंद किया जाए। गारंटी उठाव को त्रैमासिक किया जाए। पुरानी कोरोना समय से ही बकाया पेनल्टीयों को समाप्त किया जाए और ठेकेदारों की जमीनों कुर्क प्रक्रिया को बंद किया जाए।वर्तमान गारंटी पर ही दुकान का नवीनीकरण किया जाए और मात्र 10 कमरों की होटल में बार खोलने के आदेश को वापस लिया जाए नहीं तो दूकानों का महत्व ही खत्म हो जाएगा। बैठक में जिलाअध्यक्ष ओमप्रकाश सुहालका, जिला संरक्षक भगवान सिंह, जिला महामंत्री श्यामसिंह हाडा, जिला उपाध्यक्ष विजय खटीक, महिपालसिंह, राजेन्द्र सिंह, वीरेंद्रसिंह, भूपेंद्रसिंह, रविंद्रसिंह, गजेंद्रसिंह, दीपक खींची, शिवप्रकाश, शिवलाल आदि ठेकेदार मौजूद थे।