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सीधा सवाल। सुखवाड़ा। दुनिया में स्वार्थवृत्ति अधिक है। किंतु भगवान निस्स्वार्थ भाव से प्रेम करते हैं,जिस घर में प्रेम होता है उस घर को लक्ष्मी कभी छोड़कर नहीं जाती है। जीवन में अच्छे लोगों के संग से अच्छे विचारों का उद्भव होता है। सत्य सनातन की रक्षा के लिए राजा हरिश्चंद्र ने पुत्र पत्नी को बेच दिया । जीवन का पल-पल अमूल्य है,सो समय का सदुपयोग आवश्यक है ।
माता वो धन्य है,जो पुत्र को भक्ति की ओर उन्मुख करती है,पिता वो धन्य है जो पुत्र को परोपकार में लगाता है । बोले हुए शब्द वापस नहीं लिये जा सकते हैं,इसलिए सोच समझकर शब्द बोलने चाहिए क्योंकि शब्दों का प्रभाव सकारात्मक व नकारात्मक दोनों तरह का होता है ।
उक्त प्रवचन पुष्कर धाम के शीतल संत राजाराम जी महाराज ने आसावरा गांव में आयोजित सप्त दिवसीय भागवत महापुराण में व्यास पीठ से बोलते हुए चौथे दिन भागवद्-कथा में व्यक्त किए । कथा के चौथे दिन माँ कालिका द्वारा दैत्य संहार झांकी,हिरण्य कशिपु वध झांकी,नरसिंह अवतार सहित कई मनोरम झांकिया रही।