18501
views
views

सीधा सवाल। निंबाहेड़ा। नगर का सबसे पुराना, प्रतिष्ठित और व्यावसायिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मोती बाजार इन दिनों अतिक्रमण की चपेट में आ चुका है। व्यापारियों द्वारा दुकानों के बाहर अवैध रूप से सामान रखने के कारण न केवल बाजार की रौनक फीकी पड़ रही है, बल्कि राहगीरों और खरीदारों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नगर पालिका द्वारा कई बार चेतावनी देने के बावजूद व्यापारियों द्वारा सार्वजनिक स्थानों का अतिक्रमण किया जा रहा है। दुकानों के आगे तकरीबन पूरी सड़क घेर ली जाती है, जिससे आम जनता और वाहन चालकों को आवागमन में बाधा उत्पन्न हो रही है। व्यावसायिक प्रतिष्ठान स्वामी प्रशासन द्वारा निर्धारित सफेद पट्टी तक सामान फैला रहे हैं, जिससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए नगर पालिका और स्थानीय प्रशासन ने अब कड़ा रुख अपनाने का निर्णय लिया है। नगर पालिका अधिशासी अधिकारी और उपखंड अधिकारी विकास पंचोली के निर्देशानुसार अतिक्रमण हटाने के लिए अंतिम चेतावनी दी गई है। नगर पालिका के अतिक्रमण उन्मूलन दल द्वारा बाजार क्षेत्र में सख्त कार्रवाई की जाएगी और यदि व्यापारियों ने स्वेच्छा से अतिक्रमण नहीं हटाया, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा। आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि पहले मोती बाजार में खरीदारी के लिए बड़ी संख्या में लोग आते थे, लेकिन अब अतिक्रमण की वजह से बाजार जाने से भी कतराने लगे हैं। विशेष रूप से त्योहारों, धार्मिक आयोजनों और विवाह समारोहों के दौरान जुलूस एवं रैलियों के लिए रास्ता मिलना मुश्किल हो जाता है। कई बार तो व्यापारियों और आयोजकों के बीच बहस तक हो चुकी है। कभी अपनी प्रसिद्धि और व्यापारिक गतिविधियों के लिए जाना जाने वाला मोती बाजार अब अतिक्रमण की वजह से अपनी पहचान खोता जा रहा है। अगर प्रशासन द्वारा जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह बाजार धीरे-धीरे विलुप्त होने की कगार पर पहुंच सकता है। नगर पालिका प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि दुकानदार अपनी दुकानों के बाहर से अवैध रूप से रखे गए सामान को जल्द नहीं हटाते हैं, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस बार प्रशासन ने सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा है कि सड़क पर किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा और दोषियों पर आर्थिक दंड भी लगाया जाएगा।