1449
views
views
फौजी परिवार में आज भी ईमानदारी की मिसाल कायम

सीधा सवाल। चिकारड़ा। कहते हैं कि खरे पैसे की चीज कहीं गुम होती है तो भी वापस मिल ही जाती है ऐसा ही एक वाक्या चिकारड़ा में देखने को मिला। भूतपूर्व फौजी कन्हैयालाल द्वारा बताया गया कि मेरे पुत्र पुत्र वधू कुए से घर की ओर आ रहे थे कि रास्ते में एक बैग मिला जिसको देखा तो उसमें नगदी के साथ सोने चांदी के जेवर भी थे। घर पहुंच कर पुत्र ने अपने पिता को पूरा घटनाक्रम बताया पुनः बैग को देखने पर उसमें रखा मोबाइल देखा तो कॉल कर परिजनों को सूचित करने की सोचा ही था कि फोन स्विच ऑफ था जिसको चार्ज पर लगाकर चालू किया कि उस पर एक कॉल आया जिसमें उक्त व्यक्ति ने अपना नाम हुक्मीचंद भाट बताते हुए सारी घटनाक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि अकोलागढ़ तथा चिकारड़ा के मध्य मेरा बैग गिर गया था जिसमे मंगलसूत्र सोने का एक, मंगलसूत्र चांदी का एक ,चांदी के बच्चो के कडुलिये तीन जोड़ी , बिछिया चार जोड़ी, ₹9000 रोकड़ी ,कपड़े , मोबाइल था। जिसको लेकर मेरे द्वारा चिकारड़ा चौकी पर भी रपट दी गई थी । इसको लेकर पूर्व फौजी कन्हैयालाल कुम्हार बैग को लेकर पुलिस चौकी पहुंचे तथा चौकी प्रभारी एएसआई कालू सिंह को इसकी जानकारी दी तथा प्रार्थी हुकुमीचंद को भी चौकी इंचार्ज द्वारा बेग के बारे में अवगत करवाया। इस मौके पर हुक्मीचंद द्वारा पुलिस को बताया गया कि मैं तथा मेरी पत्नी प्रियंका निवासी खेरोदा आसावरा माता दर्शन कर लौट रहे थे की अकोलागढ़ तथा चिकारड़ा के मध्य बैग कहीं गिर गया है। पुलिस द्वारा पूर्व फौजी कन्हैयालाल की उपस्थिति में परिजनों को बैग सुपुर्द किया। जिस पर परिजनों ने फौजी परिवार को धन्यवाद ज्ञापित किया। इधर हुक्मीचंद सहित पत्नी प्रियंका बहुत खुश नजर आए भगवान को धन्यवाद दिया। और कहां की खरे पैसे की चीज कहीं भी गिर जाए अवश्य मिलती है।