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सीधा सवाल। उदयपुर/ चित्तौड़गढ़। पुलिस महानिरीक्षक उदयपुर राजेश मीणा के निर्देशन में रेंज के सभी जिलों में बाल एवं महिला संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली सुरक्षा सखियों का सम्मान समारोह बुधवार को उदयपुर रिजर्व पुलिस लाइन सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हर्ष रतनू ने कहा कि समाज में सुरक्षा सखी की अहम भूमिका है, आमजन एवं पुलिस के बीच सेतु बनाने का कार्य सुरक्षा सखी का है। महिलाएं संवेदनशील होती है और सुरखा सखियों का दायित्व है कि हर जरूरतमंद व पीडित महिला को सुरक्षित एवं सकारात्मक माहौल उपलब्ध कराने के लिए पुलिस विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करें और उन्हें वर्तमान परिपेक्ष्य के प्रति जागरूक करते हुए आत्मनिर्भर व सशक्त बनाने का प्रयास करें। रेंज स्तर पर सामुदायिक पुलिसिंग गतिविधियों के सुदृढ़ीकरण पर चर्चा करते हुए रतनू ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज हमारे समक्ष रेंज के सभी जिलों से महिलाओं के लिए कार्य करने वाली सुरक्षा सखियां सहयोग के उदाहरणो के साथ उपस्थित है। उन्होंने सभी सुरक्षा सखियों का पुलिस विभाग में योगदान के लिए आभार जताते हुए कहा कि कि समाज मे किसी भी वर्ग के विरूद्ध अपराध को रोकने के लिए सभी को सम्मिलित प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने समाज में बेटियों को शिक्षित व जागरूक करते हुए अभिभावकों के निर्णय के अनुसार बेहतर भविष्य का निर्माण करने और बच्चों को मोबाइल से दूर रहने व अन्य सभी को भी मोबाइल का सीमित व सदुपयोग करने का आह्वान किया। विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हितेश मेहता ने बालकों की सुरक्षा और विकास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाल संरक्षण हम सभी का दायित्व है। ऐसे में आप पुलिस विभाग के सहयोग से अपने क्षेत्र में कार्य करते हुए बाल संरक्षण को प्राथमिकता देवे। बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन एवं बाल श्रम के रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाते हुए 1098 या अन्य हेल्पलाइन नंबर या संबंधित विभाग को सूचित करें। उन्होंने महिला सुरक्षा के लिए स्थापित वन स्टॉप सेंटर, महिला सलाह एवं सुरक्षा केन्द्र, महिला हेल्प डेस्क आदि के बारे में जानकारी दी। उन्होंने लखपति दीदी योजना के साथ महिलाओं के संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित किया। मुख्य वक्ता अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चेतना भाटी ने बालिकाओं एवं महिलाओं की सुरक्षा संबंधित मुख्य समस्याएं तथा उनसे जुड़े कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी और कहा कि परिवार एवं समाज में महिलाओं की अहम भूमिका है। आप सभी महिलाओं के बीच जाकर कार्य कर रही है यह अच्छी बात है एक महिला की भावना दूसरी महिला सहजता से समझ सकती है। हम किसी जरूरतमंद या पीडित महिला के बीच रहकर उसे सहयोग करते है तो उसका आत्मविश्वास बढ़ता है और उसे संबंल मिलता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को समय समय पर जागरूक करते हुए आत्मरक्षा एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने सुरक्षा सखियों से संवाद करते हुए लैंगिक उत्पीडन, घरेलू हिंसा, महिला अत्याचार, बाल शोषण, यौन शोषण, साइबर अपराध आदि के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए इससे बचाव एवं इसके लिए बने कानूनी प्रावधानों की विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए यूनिसेफ की संभागीय बाल संरक्षण सलाहकार सिंधु बिनुजीन ने बताया कि युनिसेफ राजस्थान के सहयोग से ‘‘पुलिसिंग फॉर केयर ऑफ चिल्ड्रन कार्यक्रम‘‘ का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने सुरक्षा सखियों के दायित्व एवं भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताया पुलिस विभाग के सहयोग से रेंज के सभी थानों में कार्यरत सुरक्षा सखियों द्वारा समय-समय पर बालकों के संरक्षण और उन्हे शिक्षा से जोडने के लिए निरन्तर प्रयास किए जाते है, जिनमें गुमशुदा बालकों को उनके परिवार से मिलाने, बाल विवाह रोकथाम में सक्रिय भूमिका, महिला एवं बालिका सुरक्षा, शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा से जोडने में सहयोग करना, दुर्व्यवहार से पीड़ित बालकों के प्रकरणों में त्वरित अनुसंधान जैसे कार्य किये जा रहे है। इन सुरक्षा सखियों को प्रोत्साहित करने एवं इनके मनोबल को बढ़ाने के लिए यह समारोह आयोजित किया गया। उन्होंने सभी सुरक्षा सखियों को बधाई देते हुए यह प्रयास जारी रखने एवं अपनी अन्य साथियों को भी प्रेरित करने की बात कही। कार्यक्रम में उदयपुर से सुरक्षा सखी डॉ. विद्या मेनारिया, वन्दना राठौड़, बांसवाड़ा से शहनाज हुसैन व जयश्री सोनी, चित्तौड़गढ़ से किरण सोनी, डूंगरपुर से कुसुमलता दोशी, राजसमंद से संगीता चौधरी, प्रतापगढ़ से भारती दाधीच व सलूंबर से मीना कुंवर चुण्डावत व गजेन्द्र कुंवर ने अपने अनुभव साझा किए।
इन सुरक्षा सखियों का हुआ सम्मान
कार्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट कार्य के लिए उदयपुर जिले के भूपालपुरा थाना से सुरक्षा सखी सुप्रिया खण्डेलवाल, मीनल भण्डारी व व डॉ. नीलम रामेजा एवं हिरणमगरी थाना से विद्या मेनारिया, वन्दना राठौड़ को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। इसी प्रकार चित्तौड़गढ़ जिले रावतभाटा थाने से सुरक्षा सखी अनिता सोनी, बड़ी सादड़ी थाने से ललिता मीणा, गंगरार थाने से रतनी शर्मा, बस्सी थाने से शिल्पी चेचाणी और मण्डफिया थाने से किरण सोनी, बांसवाड़ा जिले के घाटोल थाने से सुरक्षा सखी जयश्री सोनी, कोतवाली थाने से शहनाज हुसैन, महिला पुलिस थाना से भारती शर्मा, आंबापुरा थाना से मोनिका निनामा व राजतलाब थाना से लक्ष्मी पटेल को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर डूंगरपुर जिले के कोतवाली थाना से सुरक्षा सखी रश्मि अहारी, महिला थाना डूंगरपुर से कुसुमलता दोशी व अचला वसीटा, सदर थाना से जिज्ञासा वैरागी व चितरी थाना से कविता शर्मा, राजसमंद जिले के कांकरोली थाना से संगीता चौधरी, राजनगर थाना से शीला सेन, आमेट थाना से कृष्णा सुथार, नाथद्वारा थाना से कालू कुंवर व सीता जटिया, प्रतापगढ़ जिले से प्रतापगढ़ थाना से किरण यादव, धरियावद थाना से भारती दाधीच, अरनोद थाना से नीता रेदास, छोटीसादड़ी से सुरज पाटीदार व कोटड़ी थाना से पीरूबाला मीणा तथा सलूंबर जिले के जावर माइंस थाना से निर्मला बुनकर, झल्लारा थाना से मीना कुंवर चुण्डावत व गजेन्द्र कुंवर, सलूंबर थाना से सुषमा राठौड़ व सेमारी थाना से सविता मीणा को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर रेंज कार्यालय के हेड कांस्टेबल राजेन्द्र सिंह चुण्डावत को बाल संरक्षण एवं महिला जागरूकता गतिविधियों में सराहनीय सहयोग के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में पुलिस लाइन से आरआई गुलाब सिंह, भवानी सिंह, कार्यक्रम टीम के दिलीप सालवी व सुनील व्यास ने सहयोग दिया।