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सीधा सवाल। बस्सी। बस्सी कस्बे में प्रस्तावित उप जिला चिकित्सालय भवन का निर्माण राजनीति की त्रिकोणीय खींचतान में उलझता जा रहा है। जगह चयन को लेकर राजनीतिक दलों में मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं, जिससे आमजन में भारी रोष देखा जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ, तो यह मुद्दा जन आंदोलन का रूप ले सकता है।
गौरतलब है कि उप जिला चिकित्सालय की स्वीकृति कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मिली थी, लेकिन अब उसके निर्माण को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों में विवाद की स्थिति बनी हुई है। जानकारी के अनुसार, शनिवार रात दो प्रमुख राजनीतिक नेताओं के बीच इस मुद्दे को लेकर तीखी बहस भी हुई, जिससे स्थिति और भी गर्मा गई।
भाजपा युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष जगदीश भांड ने कहा कि, "हमने कुछ स्थान चिन्हित कर जिला कलेक्टर को प्रस्ताव भेजा है, और अगले 10 से 15 दिनों में निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। जो स्थान कलेक्टर और उनकी टीम द्वारा चयनित किया जाएगा, वहीं चिकित्सालय का निर्माण होगा।"
कांग्रेस के बस्सी मंडल अध्यक्ष दिनेश सोनी ने कहा कि, "हमने इस विषय को लेकर जिला कलेक्टर से मुलाकात की है। कलेक्टर ने आश्वासन दिया है कि सभी समाजों के एक-एक प्रतिनिधि की टीम बनाकर निर्णय लिया जाएगा और वही स्थान अंतिम रूप से तय होगा।"
वहीं विधायक चंद्रभान सिंह आक्या के करीबी नेता प्रमोद कोठारी ने स्पष्ट कहा कि, "जिस स्थान को कांग्रेस सरकार के समय पर स्वीकृति दी गई थी, उसी पर चिकित्सालय का निर्माण होना चाहिए।"
इस पूरे विवाद के चलते उप जिला चिकित्सालय का निर्माण अधर में लटक गया है। जनता के लिए जो सुविधा शीघ्र शुरू होनी चाहिए थी, वह अब राजनीतिक बहस और स्वार्थ की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। अगर समय रहते निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ तो जनाक्रोश किसी बड़े आंदोलन में तब्दील हो सकता है।