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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) एक बार फिर जिले के चार मासूमों के लिए जीवनदायी साबित हुआ। जन्म से हृदय रोग से जूझ रहे चार बच्चों – पूजा, अनाविया, राजू और कविशा – को इस योजना के तहत निःशुल्क ऑपरेशन करवा कर नया जीवन मिला है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ताराचंद गुप्ता ने बताया कि आठ साल की पूजा कंवर (पुत्री चावंड सिंह), दो वर्षीय अनाविया मंसूरी (पुत्री रशीद मंसूरी), तीन साल का राजू रैगर (पुत्र घीसूलाल रैगर) और तीन साल की कविशा (पुत्री सूर्यदेव सिंह बारेठ) जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित थे। इन बच्चों को सांस लेने में कठिनाई, बार-बार बुखार, निमोनिया, वजन न बढ़ना और मानसिक व शारीरिक विकास में रुकावट जैसी समस्याएं हो रही थीं।
आरबीएसके की टीम ने बच्चों की स्वास्थ्य जांच के दौरान इन लक्षणों को पहचाना और तुरंत जिला अधिकारियों को सूचित किया। इसके बाद जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शिवानी ने परिजनों को योजना के अंतर्गत नि:शुल्क इलाज की जानकारी देकर उन्हें प्रेरित किया।
डॉ. ताराचंद गुप्ता के मार्गदर्शन में बच्चों को 17 और 18 मई को जयपुर के श्री महावीर कॉलेज में आयोजित प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन राजकोट (गुजरात) और श्री सत्य साईं हॉस्पिटल द्वारा आयोजित शिविर में भेजा गया। वहां जांच के बाद ऑपरेशन की तारीखें दी गईं।25 मई को कविशा का ऑपरेशन नारायणा हृदयालय, जयपुर में हुआ। 26 मई को पूजा कंवर का, 2 जून को राजू रैगर का और 4 जून को अनाविया मंसूरी का ऑपरेशन श्री सत्य साईं हॉस्पिटल, अहमदाबाद में करवाया गया।
वर्तमान में चारों बच्चे स्वस्थ हैं और सामान्य जीवन जी रहे हैं। बच्चों के परिजनों ने चिकित्सा विभाग का आभार जताते हुए कहा कि यह योजना उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2016-17 से अब तक चित्तौड़गढ़ जिले में 179 बच्चों के हृदय रोग के निशुल्क ऑपरेशन करवाए जा चुके हैं।
