views

सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ के प्रदेशाअध्यक्ष सुरेन्द्र नारायण जोशी के आह्वान पर चित्तौड़गढ़ जिले के समस्त न्यायिक कर्मचारीगण अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर है। जिला प्रवक्ता राजेश व्यास ने बताया कि अधीनस्थ न्यायालय एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में पदस्थापित सामान्य संवर्ग और आशुलिपिक संवर्ग का केडर पुर्नगठन राज्य सरकार की अधिसूचना के परिपेक्ष्य में किया जाना है। उक्त अधिसूचना का प्रस्ताव राजस्थान उच्च न्यायालय में बनाकर उच्च न्यायालय जोधपुर की फुल बेन्च से पास करवाकर व संबंधित जिला न्यायालय लिपिकवर्गीय संस्थापन नियम 1986 भी संशोधित करवाकर राज्य सरकार को भेजा जा चुका है। परन्तु आज दो वर्ष पश्चात् भी राज्य सरकार द्वारा इस संबंध कोई आदेश पारित नहीं किया गया। राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर की पूर्ण पीठ से पारित आदेश की पालना सुनिश्चित नहीं कर रही है जो संवैधानिक संस्था के आदेशो की अवहेलना है। अतः समस्त अधीनस्थ न्यायालयों के कर्मचारियो द्वारा संघ के प्रदेशाध्यक्ष की आह्वान पर कर्मचारियो के केडर पुर्नगठन के आदेश राज्य सरकार से प्राप्त होने तक अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर बैठने का निर्णय लिया गया एवं सभी प्रकार के न्यायिक कार्यो का बहिष्कार किया जावेंगा। इस अवसर पर इन्द्रजीत छाजेड, संजय उपाध्याय, संजय इटोदिया, प्रवीण जैन, रमेश पुरोहित, मदन गोपाल खण्डेलवाल, कैलाशचन्द्र चैधरी, विकास बैरागी, विनोद पानखाणियां, सुनील कौशल, अम्बुज सुहाग, वेदप्रकाश जाटव, मोतीलाल जाट, गोपाल प्रजापत, जगदीप सिरोहिया, पुनीत जैन, रमेशदान चारण कृष्णा सिन्हा, जूली स्वर्णकार, लता उत्तमचंदानी, ममता, पूर्णिमा गौड़, राखी सक्सेना, सोनू तिवारी, प्यारीबाई इत्यादि उपस्थित रहे तथा बार संघ चित्तौड़गढ़ के अध्यक्ष एस.पी.सिंह राठौड़, पूर्व अध्यक्ष महेन्द्र सिंह मेडतिया इत्यादि ने उक्त सामूहिक अवकाश का समर्थन किया।
