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माता-पिता अपने बच्चों के सर्वांगीण विकास का मार्ग है

सीधा सवाल। चिकारड़ा। माता-पिता द्वारा बच्चों पर समय-समय पर ध्यान नहीं देने से जहां एक ओर बच्चों का नैतिक पतन हो रहा है वही काल के गाल में समाते जा रहे हैं दूसरी और माता-पिता समाज की नजरों में गिर रहे हैं वहीं अपने आप में दुखी भी हो रहे हैं । बच्चों को संस्कार बनाने के लिए सबसे पहले पहनावे पर ध्यान देना होगा । वही वातावरण में घुल रहे जहर के प्रति भी सचेत करना होगा। उक्त बात सोहन राज परिसर में मुदिता श्री जी मां सा ने अपने प्रवचन के दौरान कही । वही बताया कि बच्चों को संस्कार वान बनाएंगे तो खुद का जीवन भी संकट में नहीं पड़ेगा । आगे सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अपनी लाइफ में ऐसा कोई काम नहीं करना जिससे संसार रूपी सागर में आत्मा भटकती रहे। गुरु का संदेश ये कहता हे कि अपने जीवन में धर्म को उतारो एक अच्छा प्रयास जीवन को बदल देता है। रक्षा बंधन पूर्व आयोजित सेमिनार में मास द्वारा भाई बहन को गलत मार्ग पर चलने से पूर्व ही किस प्रकार अपने आप को बदलना होगा इस विषय को लेकर मार्मिक प्रवचन देकर समझाया । तथा सुगम मार्ग दिखलाने का प्रयास किया । प्रवचन के दौरान भदेसर ,मंगलवाड, आवरी माता जी, चिकारड़ा के साथ अन्य कई गांवों के भाई बहनों ने भाग लिया । इस मौके पर राष्ट्रीय शांत क्रांति संघ के पदाधिकारी भी पहुचे तथा धर्मलाभ लेते हुए उन्होंने संघ के सदस्यों के साथ बैठक आयोजित संघ द्वारा संचालित प्रवृत्तियों के बारे में जानकारी दी। संघ अध्यक्ष सम्पत लाल छाजेड ने अतिथियो का स्वागत सम्मान कर आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन पप्पल बोहरा द्वारा किया गया।
