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चिकारड़ा। संचार क्रांति के युग में भी ग्रामीणों को मोबाइल सर्वर के लिए झुंझना पड़ रहा है । जानकारी में नरेश धींग द्वारा बताया गया कि ग्रामीणों को पिछले कई दिनों से विभिन्न सेवा दाता कंपनियों के मोबाइल टावर नहीं मिलने से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । ग्रामीण उदयलाल द्वारा बताया गया कि मोबाइल टावर नहीं मिलने से बात करने के लिए भी 3 से 4 बार फोन डिस्कनेक्ट कर फिर लगाना पड़ता है तब जाकर भी कहीं कट कट के बात होती है। तो नेटवर्क इशू तो लगातार बना रहता है। वहीं ग्रामीण उदयनाथ ने बताया कि मोबाइल कंपनियों के रिचार्ज एक दिन बाद भी करने पर मोबाइल बंद कर दिए जाते हैं तो कंपनियां इस प्रकार आ रही बाधा को समय रहते दूर क्यों नहीं कर पा रही है। ग्रामीणों द्वारा इस समस्या के लिए दुकानदारों को बार-बार कंपनियों द्वारा बात करने को लेकर कहां सुनी भी होती रहती है। यहां यह बता दे की एक तरफ संचार क्रांति के युग में केंद्र सरकार नित्य नए प्रयोग करने में जुटी है लेकिन सेवा प्रदाता कंपनियां इस कार्य पर प्रश्न चिन्ह लगने पर तुली है । दुकानदार भी आखिर करें तो क्या करें वह भी कंपनियों के सुपरवाइजर तक बात पहुंचा देते हैं लेकिन अभी तक किसी प्रकार का कोई भी हल निकल कर सामने नहीं आया है। ग्रामीणों मैं इस बात को लेकर रोज़ प्रकट किया है की कंपनियां अपने मुनाफे के लिए सब कुछ करती है लेकिन उपभोक्ताओं के लिए कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है जबकि कंपनियां सेवा प्रदाता के रूप में आती है। समय रहते चाहे एयरटेल हो या वोडाफोन या जिओ या यू कहे बीएसएनल ने भी सेवाओं में सुधार नहीं किया तो ग्रामीणों को मजबूर होकर कंज्यूमर कोर्ट की शरण लेनी पड़ेगी। अगर ऐसा होता है तो कंपनियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।