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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। एकल अभियान चित्तौड़गढ़ द्वारा आयोजित 10 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन विजयपुर ग्राम में भगवान नरसिंह के बाल स्वरूप की भव्य शोभायात्रा और धर्मसभा के साथ हुआ। यह जानकारी एकल अभियान के लक्ष्मी नारायण ने दी। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण शिविर विजयपुर के नरसिंह द्वारा आश्रम में आयोजित किया गया था, जिसमें 70 से अधिक आचार्य एवं मातृशक्ति ने भाग लिया।
शोभायात्रा की शुरुआत नरसिंह द्वारा आश्रम से ढोल-नगाड़ों के साथ हुई। ठाकुर जी के बाल स्वरूप का बेवाण (सवारी) निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। प्रभात फेरी के दौरान बालकों और बहनों ने "भारत माता की जय", "वंदे मातरम्" और "सनातन धर्म की जय" जैसे उद्घोष किए। पूरे गांव में शोभायात्रा का स्वागत किया गया। शोभायात्रा के पश्चात नरसिंह द्वारा परिसर में एक धर्मसभा का आयोजन हुआ। सभा में महंत वैष्णवदास जी महाराज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक सत्यनारायण, पर्यावरण संयोजक धर्मपाल गोयल, प्रहलाद प्रजापत, सुरेश शर्मा, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने ठाकुर जी के विग्रह और तुलसी का पूजन किया। महंत वैष्णवदास जी महाराज ने अपने संबोधन में नारी शक्ति के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सनातन धर्म में नारी को विशेष स्थान दिया गया है। उन्होंने एकल अभियान के प्रयासों की सराहना करते हुए इसे समाज में चेतना जागृत करने वाला बताया।
विभाग प्रचारक सत्यनारायण ने कहा कि यह संघ का शताब्दी वर्ष है और एकल अभियान पंचमुखी शिक्षा के माध्यम से वनवासी और शिक्षा से वंचित समाज के बीच शिक्षा और संस्कार का काम कर रहा है। पर्यावरण संयोजक धर्मपाल गोयल ने सभी सहयोगकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए उनका सम्मान किया।
प्रहलाद प्रजापत ने बताया कि 10 दिनों के दौरान 100 सत्रों में आचार्यों और बहनों को प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही विभिन्न विषयों पर बौद्धिक सत्र आयोजित किए गए, जिनमें स्थानीय महंत, सामाजिक कार्यकर्ता, पुलिस विभाग और वन विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। कौशल विकास के तहत बच्चों को "वेस्ट से बेस्ट" बनाने और स्वच्छता अभियान चलाने के कार्यक्रम भी हुए।
कार्यक्रम में एकल अभियान के प्रमुख पदाधिकारी, महिला समिति, और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। चित्तौड़ महिला समिति की ओर से कार्यकर्ताओं को ऊनी शाल और मिठाई भेंट की गई। कार्यक्रम में बालकों ने प्रतिदिन प्रभात फेरी निकालकर गांव में चेतना का संदेश दिया।