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जेल ट्रांसफर पर बैतूल ले जाया जा रहा था एनडीपीएस का आरोपित

सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जिला मुख्यालय के जिला कारागृह से जेल ट्रांसफर के दौरान अन्य राज्य में ले जाते समय मादक पदार्थ तस्करी एक आरोपित के फरार होने की जानकारी सामने आई है। लेकिन इस पूरे मामले में सूत्रों की माने तो 24 घंटे पूरे हो जाने के बाद भी अब तक न तो जिले के पुलिस अधिकारी कुछ बोल रहे हैं। और ना ही इस पूरे मामले में इसी प्रकार की कार्रवाई लापरवाही पर किए जाने की जानकारी सामने आई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ जेल में बंद मादक पदार्थ तस्करी के गोपाल नाम के एक आरोपी को बैतूल ट्रांसफर किया जाना था। जिसे लेकर रिजर्व पुलिस लाइन चित्तौड़गढ़ से एक हेड कांस्टेबल और तीन कांस्टेबल की गार्ड की रवानगी की गई जिन्हें चित्तौड़गढ़ जेल से आरोपित को ट्रेन के जरिये बैतूल लेकर जाना था लेकिन इसी बीच गच्चा देकर आरोपित फरार हो गया। इस पूरे मामले में जिले के पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। पुलिस लाइन इंचार्ज अनिल पांडे ने खुद के ट्रेनिंग में होने की जानकारी देते हुए पल्ला झाड़ लिया। वही लाइन के मेजर देवेंद्र सिंह ने पुलिस अधीक्षक द्वारा उन्हें बुलाए जाने की बात कहते हुए बाद में बात करने की कह कर फोन काट दिया। वही लाइन ऑफिसर धर्मराज ने आरोपित को लेकर गए पुलिस जवानों की जानकारी मांगे जाने पर उच्च अधिकारियों का हवाला देते हुए जानकारी देने से मना कर दिया। इधर इस पूरे मामले में जेलर ओमकार जोशी ने बताया कि उन्हें फोन पर इस बात की सूचना मिली है लेकिन अब तक इस प्रकार को लेकर किसी प्रकार की प्राथमिकी उनके पास नहीं आई है। ऐसे में स्पष्ट है कि इस पूरे मामले में हुई लापरवाही को लेकर जिले के जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं या दूसरे शब्दों में कहा जाए तो 24 घंटे से अधिक समय हो जाने के बावजूद कार्रवाई नहीं होना इस बात की ओर इशारा करता है कि लापरवाही को उच्च अधिकारियों के निर्देश पर छुपाने का प्रयास हो रहा है। सूत्रों का यहां तक कहना है कि आरोपित को लेकर जाने वाले पुलिस कर्मियों को समय दिया जा रहा है जिससे कि गच्चा देकर भागे आरोपित को पकड़ने का समय मिले और कार्रवाई से बचाया जा सके। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पूर्व में जब भी इस प्रकार की लापरवाही हुई है तो तत्कालीन अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए लापरवाही पर कड़ा एक्शन लिया है। लेकिन इस पूरे मामले में जानकारी देने से बचने के रवैया से साफ है कि पूरे मामले पर पर्दा डालने की कोशिश हो रही है।