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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। विश्व विख्यात चित्तौड़ दुर्ग की तलहटी में शुक्रवार को भालू देख कर लोग भौंचक्के रह गए। एक बार तो लोगों को विश्वास ही नहीं हुआ कि यहां भालू भी आ सकता है। यहां ड्यूटी पर सिक्योरिटी गार्ड ने इसके फोटो एवं वीडियो बनाएं इसकी जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची है और सर्च अभियान चलाया जा रहा है। भालू के बस्सी सेंचुरी क्षेत्र से आने की संभावना है जताई जा रही है। वहीं वर्षों बाद चित्तौड़ दुर्ग की तलहटी में भालू दिखाई देना लोगों के लिए आश्चर्य की बात बन कर सामने आई तथा किसी को भी विश्वास नहीं हुआ।
जानकारी में सामने आया कि विश्व विख्यात चित्तौड़ दुर्ग पर शुक्रवार को लोग मॉर्निंग वॉक कर रहे थे। दुर्ग की तलहटी में सूरजपोल के यहां लोग मॉर्निंग वॉक कर रहे थे, जिन्हें भालू दिखाई दिया तो यह चिल्लाए। साथ ही सिक्योरिटी गार्ड को भी सूचना दी। इस पर दो सिक्योरिटी गार्ड मौके पर पहुंचे, जिन्होंने भालू को देखा। सिक्यूरिटी गार्ड फतेहसिंह व इसके साथ ने भालू के वीडियो बनाएं। आवाज सुन कर बालू निकट ही झाड़ियां में ओझल हो गया। गार्ड काफी देर तक मौके पर ही खड़े रहे तथा दुर्ग के निवासियों और वन विभाग के अधिकारियों को सूचना करवाई। इस पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची है। वन विभाग की टीम दुर्ग की तलहटी में भालू की तलाश में जुटी हुई है। यहां से भालू रेस्क्यू हो जाता है तो उसे उसके प्राकृतिक आवास पर छोड़ा जाएगा।
अधिकारी माने सोशल मीडिया पर दूसरी जगह का वीडियो
सुरक्षा कार्मिक द्वारा बनाया गया यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो गया। एक बार तो लोगों ने सोचा कि कहीं दूसरी जगह का यह वीडियो होगा, जहां पर भी दुर्ग की दीवार है और वहां का वीडियो चित्तौड़गढ़ का बताया जा रहा है। लेकिन जब दुर्ग के निवासियों एवं वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और तलाश की। सबसे पहले उन्होंने वही लोकेशन देखी जो वीडियो में दिख रही थी। ऐसे में यह तो स्पष्ट हो गया कि वीडियो उसी स्थान का है, जहां वीडियो में भालू गुजर रहा है।
40 साल पहले तक भालू दिखाई देने की सूचना नहीं
चित्तौड़ दुर्ग के तलहटी में अमूमन पैंथर सहित अन्य वन्य जीवों का मूवमेंट होता रहा है। लेकिन भालू कई वर्षों बाद दिखाई दिया है। इस संबंध में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मुकेश सैनी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 40 साल पहले तक भालू के चित्तौड़गढ़ शहर के आसपास या तलहटी में दिखाई दिया हो इसकी जानकारी नहीं है। कहीं से यह रास्ता भटक कर जंगल में होते हुए यहां तक पहुंचा हो सकता है।
कभी आमझरिया में था, भैंसरोड़गढ़ से भी आ सकता है
भालू के मूवमेंट को लेकर वन विभाग के अधिकारियों से बात की है। इसमें जानकारी सामने आई कि किसी समय बस्सी सेंचुरी के आमझरिया में भालू देखे गए थे, जो चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय से करीब 40-50 किलोमीटर दूर है। वहीं भैंसरोडगढ़ और रावतभाटा के घने जंगलों में भी भालू हैं। ऐसे में इस क्षेत्र से भालू घूमते हुए चित्तौड़ दुर्ग की तलहटी में आने की संभावना है।
सूरजपोल से चढ़ता दिखा, फिर झाड़ियां में हुआ ओझल
भालू को लेकर दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। इसमें एक वीडियो में वह दुर्ग की प्राचीन से नीचे उतरा तथा सूरजपोल से दुर्ग की ओर चढ़ाई करते हुए दिख रहा है। वहीं दूसरे वीडियो में वह झाड़ियों की तरफ भागते हुए देखा है। यह वीडियो सूरजपोल वाले रास्ते पर तीसरे गेट के यहां का बताया जा रहा है। इसके बाद करीब 4 घंटे में अब तक भालू पुनः नहीं दिखा है। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर वन विभाग की टीम तलाश में जुटी हुई है। वहीं कई दुर्गवासी भी मौके पर पहुंच गए।
