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निम्बाहेड़ा।
यहां शांतिनगर स्थित नवकार भवन में चल रही चातुर्मासिक प्रवचन श्रंखला के अंतर्गत शुक्रवार को आयोजित धर्मसभा में जैन संत मुनिश्री युगप्रभ मुनि जी म.सा. ने कहा कि स्वयं का खुश रहना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन अपने सामने वाले को भी प्रसन्न कर देना, यह वास्तव में महानता है।"
उन्होंने आगे कहा कि स्वभाव को सुधारे बिना मुक्ति की प्राप्ति नहीं हो सकती। मनुष्य अपने स्वभाव में जितनी शीतलता लाता है, उतना ही वह दुखों से दूर होता चला जाता है।
मुनिश्री ने जीवन में महानता प्राप्त करने पर जोर देते हुए कहा कि "यदि मनुष्य अपने जीवन को सफल बनाना चाहता है और सबका प्रिय बनना चाहता है, तो उसे दो बातें अपनानी चाहिए, दिमाग को 'आइस फैक्ट्री' और जीभ को 'शुगर फैक्ट्री' बना लेना चाहिए।" अर्थात् विचारों में शांति और वाणी में मधुरता होनी चाहिए, जो व्यक्ति ऐसा नहीं कर पाता, उसके जीवन में दुखों की भरमार हो जाती है।
मुनिश्री ने वर्तमान भौतिकवादी दृष्टिकोण की आलोचना करते हुए कहा कि "संसार कहता है प्रभाव बढ़ाते जाओ, लेकिन धर्म कहता है स्वभाव सुधारते जाओ।"
आज का मानव जानता है कि अंततः धन उसके साथ नहीं जाएगा, लेकिन फिर भी वह धन के पीछे भागते हुए अपने स्वभाव को बिगाड़ देता है।
उन्होंने अंधी प्रतिस्पर्धा को दुख का कारण बताते हुए कहा कि "आज सुखी होने के तो अनेक उपाय हैं, लेकिन दुखी होने का एकमात्र कारण है, प्रतिस्पर्धा। जब-जब मानव कंपटीशन में उतरता है, तब-तब वह दुखी हो जाता है। आज हर कोई सामने वाले को ओवरटेक करना चाहता है, लेकिन यह भावना न केवल दुख देती है, बल्कि पतन की ओर भी ले जाती है।"
प्रवचन के आरम्भ में मुनिश्री अभिनव मुनि जी म.सा. ने किया। उन्होंने धर्म में श्रद्धा की महत्ता बताते हुए कहा कि "धर्म के लिए श्रद्धा आवश्यक है, और जीवन को ऊंचा उठाने के लिए पुरुषार्थ का साथ अनिवार्य है। सुखी बनने के लिए नसीब का साथ चाहिए, लेकिन धर्मी बनने के लिए पुरुषार्थ का सहयोग आवश्यक है।"
मुनिश्री ने श्रद्धा को तीन प्रकार से परिभाषित किया, उन्होंने बताया कि प्रथम अज्ञानमूलक श्रद्धा, जो केवल चमत्कार पर आधारित हो, द्वितीय मोहमूलक श्रद्धा, जो भय और लोभ से उत्पन्न हो तथा तीसरी ज्ञानमूलक श्रद्धा, जो विवेक और तत्त्वज्ञान से प्राप्त हो और जो आत्मा को सिद्धि तक पहुंचाती है।
इस अवसर पर मंगलवार श्री संघ महिला मंडल विशेष रूप से उपस्थित रहा। आगामी 20 जुलाई, रविवार को प्रवचन कृषि उपज मंडी परिसर में आयोजित किए जाएंगे।
