views

सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। झालावाड़ जिले में हाल ही में घटित दुर्भाग्यपूर्ण विद्यालय भवन दुर्घटना के परिप्रेक्ष्य में चित्तौड़गढ़ जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए संपूर्ण जिले में जर्जर अवस्था वाले विद्यालयों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्थिति की समीक्षा हेतु तत्काल प्रभाव से व्यापक निरीक्षण अभियान शुरू कर दिया है।
इस संबंध में जिला कलक्टर आलोक रंजन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी उपखण्ड अधिकारियों (SDM), तहसीलदारों, शिक्षा विभाग तथा सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे संयुक्त रूप से जर्जर भवनों का निरीक्षण करें और तत्काल रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
ग्राम विकास अधिकारियों को दी गई प्राथमिक जिम्मेदारी
प्रत्येक ग्राम विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वे अपने क्षेत्र के विद्यालयों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों की भवन स्थिति का भौतिक निरीक्षण कर अगली सुबह तक रिपोर्ट उपखण्ड अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सौंपें।
प्रधानाध्यापकों से प्रत्यक्ष संवाद
निरीक्षण के दौरान संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों से भवन की स्थिति, बार-बार की जा रही मरम्मत, छतों की सफाई की नियमितता जैसी महत्वपूर्ण जानकारियाँ ली जाएंगी। इससे सही आकलन कर वास्तविक समस्याओं का समाधान शीघ्र किया जा सकेगा।
एसडीएमसी बैठक कर तुरंत मरम्मत कार्य के निर्देश
जिला कलक्टर ने सभी उपखण्ड अधिकारियों को निर्देशित किया है कि विद्यालयों की स्कूल विकास एवं प्रबंधन समिति (SDMC) की आपात बैठक बुलाकर संवेदनशील भवनों की मरम्मत तत्काल शुरू की जाए। ऐसे सभी भवन जहां बच्चों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है, उन्हें प्राथमिकता से सूचीबद्ध कर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
संवेदनशील भवनों की अलग सूची तैयार
निरीक्षण के दौरान जिन भवनों में पानी का रिसाव, दरारें, या छत की जर्जर स्थिति पाई जाए, उन भवनों की अलग सूची तैयार कर शिक्षा एवं पीडब्ल्यूडी विभाग को त्वरित मरम्मत कराने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रभा गौतम, मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय पाठक, उपवन संरक्षक राहुल झांझरिया सहित शिक्षा विभाग अधिकारी, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। साथ ही वीसी के माध्यम से सभी उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार एवं विकास अधिकारी उपस्थित रहे।
