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रामासिया के ग्रामीणों ने उठाई निष्पक्ष जांच की मांग, सरकार से पूछा- निर्दोषों का घर क्यों उजाड़ा जा रहा?

सीधा सवाल
पाली नगर विकास न्यास (UIT) की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को भेदभावपूर्ण बताते हुए मंगलवार को सैकड़ों ग्रामीणों ने पाली जिला कलेक्ट्रेट पर धरना-प्रदर्शन किया। गुस्साए ग्रामीण तख्तियां लेकर सड़कों पर उतरे और "न्याय दो, भेदभाव बंद करो" के नारे लगाए। रामासिया और आसपास के गांवों के लोगों ने आरोप लगाया कि UIT जाति विशेष को निशाना बनाकर उनके पुराने मकानों को तोड़ रही है। प्रदर्शनकारियों ने जिला कलेक्टर एल.एन. मंत्री को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि रामासिया के खसरा नंबर 129/1, 129/2, 129/5 और 136 में मकान तोड़ने की कार्रवाई रोकी जाए। ग्रामीणों का कहना है कि UIT ने 5 अगस्त से इन मकानों को ध्वस्त करने की चेतावनी दी है, जो पूरी तरह भेदभावपूर्ण है। उन्होंने निष्पक्ष जांच और दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
ग्रामीणों का गुस्सा:
प्रदर्शन में शामिल राजू सिंह रामासिया ने कहा, "हमारे पुराने मकान तोड़े जा रहे हैं, लेकिन बड़े लोगों के अवैध निर्माण पर कोई कार्रवाई नहीं होती। यह अन्याय बर्दाश्त नहीं करेंगे!" अनूप सिंह सुमेरपुर ने कहा "हमारी जमीन, हमारे मकान, हमारा हक। सरकार निष्पक्ष जांच करे और इस तानाशाही को रोके।"
:प्रदर्शन में भारी भीड़:
धरने में भोमिया राजपूत समाज के लोग और रामासिया, सुमेरपुर, काणदरा, गुरलाई, डिंगाई, सोनाई मांझी सहित कई गांवों के ग्रामीण शामिल हुए। अनूप सिंह, वीरप्रताप सिंह, मोहन सिंह, दलपतसिंह, वैर सिंह भाटी, सवाई सिंह सिसोदिया, जोधसिंह, लक्ष्मण सिंह, केशर सिंह चौहान और शैतान सिंह भाटी जैसे प्रमुख लोग भी मौजूद रहे। सुरक्षा के लिए कलेक्ट्रेट पर भारी पुलिस बल तैनात रहा।
:चेतावनी:
ग्रामीणों ने चेताया कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन और तेज होगा। यह मामला अब सरकार के लिए चुनौती बन गया है। क्या निर्दोष ग्रामीणों को न्याय मिलेगा, या अतिक्रमण के नाम पर उनका घर उजड़ जाएगा?


