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महंगे टेंडर कर निजी होटलों को पहुंचा रहे फायदा, बिना टेंडर सरकारी संस्थाओं में कार्य के हैं आदेश

सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। राज्य सरकार ने आदेश हुआ है कि बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के सरकारी उपक्रम में किसी भी प्रकार की ट्रेनिंग सहित अन्य आयोजन किए जा सकते हैं। इसके पीछे सरकार की मंशा है कि आर्थिक संकट जूझ रहे ऐसे प्रतिष्ठान को संबल मिले। साथ ही सरकारी पैसा सरकारी महकमों में ही खर्च हो। लेकिन चित्तौड़गढ़ जिले के कई सरकारी महकमें ऐसे हैं जो सरकारी मंशा पर पानी फेर रहे हैं। टेंडर प्रक्रिया में उलझ कर महंगे होटल और निजी संस्थान में बैठक, प्रशिक्षण आदि के आयोजन कर रहे हैं। इससे कहीं ना कहीं सरकार का पैसा अधिक खर्च हो रहा है। साथ निजी संस्थाओं को ही फायदा पहुंच रहा है। सरकार के सख्त आदेश के बाद भी चित्तौड़गढ़ जिले के कई महकमें अवहेलना कर रहे हैं।
जानकारी में सामने आया कि सरकारी उपक्रम या संस्थाओं में बिना टेंडर किए शासकीय बैठक, सम्मलेन आयोजन और इनमें खाद्य एवं पेय कैटरिंग की सुविधा ली जा सकती है। इसे लेकर राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता नियम 2013 के नियम में अधिसूचित किया था। अगर किसी भी शासकीय बैठक व सम्मेलन का आयोजन सरकारी उपक्रम में हो तो इसी संस्थाओं को फायदा होता है। कई सरकारी उपक्रम घाटे में हो तो उन्हें भी आर्थिक संबल मिल सकता है। साथ ही सरकार का पैसा सरकारी महकमों में ही उपयोग में आ जाता है। कई ऐसे सरकारी महकमें हैं, जिनमें हर माह बैठक, ट्रेनिंग, सम्मेलन आदि होते हैं। यह चाहें तो बिना किसी टेंडर के सरकारी होटल आदि में आयोजन कर सकते हैं। लेकिन इसके उलट सरकारी महकमें निजी होटलों में महंगे आयोजन कर रहे हैं। इससे सरकारी की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है। यह आदेश सख्ती से लागू होते हैं तो कहीं ना कहीं आर्थिक संकट से जूझ रहे सरकारी महकमों को ही आर्थिक संबल मिलेगा।
किराए में भी हैं छूट का प्रावधान
इधर, राज्य सरकार के जो आदेश हैं उसके अनुसार सरकारी कर्मचारी भी सरकारी होटल, रिसॉर्ट, सर्किट हाउस में रुकते हैं तो उसमें भी छूट का प्रावधान है। सरकारी कर्मचारी को इसमें छूट रहती है। एक से अधिक दिन का प्रशिक्षण होने पर रुकने लिए कमरे की बुकिंग भी रहती है। इसके बावजूद प्रशिक्षण आयोजित करने वाले सरकारी विभाग निजी होटलों में महंगे कमरे बुक करवाते है, जिससे भी सरकार को नुकसान होता है।
चित्तौड़ जिला मुख्यालय पर है सर्किट हाउस व आरटीडीसी
राज्य सरकार के विभाग, निगम, मंडल की और से शासकीय बैठक, सम्मलेन, आयोजन में खाद्य व पेय, कैटरिंग के कार्य बिना निविदा आमंत्रित किए सीधे निगम को देने का आदेश है। इसमें चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर सर्किट हाउस एवं राजस्थान टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (आरटीडीसी) है। यहां बिना टेंडर सरकारी बैठक, ट्रेनिंग सहित अन्य आयोजन बिना टेंडर हो सकते हैं। सूत्रों की माने तो सरकारी विभाग में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
इन विभागों में होते हैं प्रशिक्षण व अन्य आयोजन
कई सरकारी विभाग ऐसे हैं जिनमें वर्ष पर्यन्त बैठक, प्रशिक्षण सहित अन्य आयोजन होते हैं। इसमें शिक्षा विभाग, जिला परिषद, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, पीएमओ, रीको की औद्योगिक वर्कशॉप, नगर परिषद, कलक्ट्रेट की बैठक, कृषि विभाग, पंचायत समिति, राजीविका आदि विभागों के प्रशिक्षण एवं केटरिंग का कार्य इन संस्थाओं में दिए जा सकते हैं।
मुख्य सचिव ने भी दिए थे निर्देश
जानकारी में सामने आया कि गत दिनों मुख्य सचिव सुधांशु पंत ने भी सरकारी आयोजन में हो रही फिजूलखर्ची पर गंभीरता जताई थी। इसमें सभी सचिव एवं विभाग के अध्यक्षों को फिजूलखर्ची रोकने के लिए सेमिनार आदि सरकारी हॉल या अन्य राजकीय कन्वेंशन सेंटर में करने, अधिकारियों के जिले के दौरे पर जाने के दौरान सरकारी विश्राम गृह गेस्ट हाउस में रुकने के निर्देश थे।