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कैदीयों को बंधाया राखी का रक्षा सूत्र, दिलाया अपराध नहीं दोहराने का संकल्प

सीधा सवाल। निंबाहेड़ा। राखी केवल एक धागा नहीं, बल्कि एक भावनात्मक बंधन और जीवन को दिशा देने वाला अवसर बन सकता है। इसका जीवंत उदाहरण बुधवार को निंबाहेड़ा उपकारागृह में देखने को मिला। जब तेजस्विनी क्लब और प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की बहनों ने 12वीं बार कैदी भाइयों को राखी बांधते हुए उनसे अपराध की पुनरावृत्ति नहीं करने का संकल्प लिया।इस आयोजन के दौरान बीके शिवली बहन ने बताया कि पिछले 12 वर्षों से निरंतर रक्षाबंधन के पर्व पर तेजस्विनी क्लब और ब्रह्माकुमारी बहनों की ओर से उपकारागृह में राखी बांधने की यह परंपरा निभाई जा रही है। इस पहल के माध्यम से कैदियों को मानसिक और आध्यात्मिक बल प्रदान किया जाता है।क्लब की संस्थापिका समाजसेविका वर्षा कृपलानी ने "तेरा मंगल मेरा मंगल" गीत गाकर भाइयों का मनोबल बढ़ाया और उनसे आग्रह किया कि वे इस राखी के बदले यह उपहार दें कि भविष्य में कोई ऐसा कार्य न करें जिससे उन्हें पुनः जेल आना पड़े। सभी कैदियों ने इसे वचन रूप में स्वीकार किया। इस अवसर पर तेजस्विनी क्लब की अध्यक्षा कमला रायपुरिया, क्लब सदस्याएं और ब्रह्माकुमारीज़ बहनें उपस्थित रहीं। उन्होंने कैदी भाइयों को तिलक कर मिठाई खिलाई और प्रेमपूर्वक राखी बांधते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। जार जिलाध्यक्ष मनोज सोनी ने भी इस मौके पर कहा कि क्रोध या आवेश में आकर कोई भी निर्णय न लें जिससे भविष्य में पछताना पड़े। जेलर युवराज सिंह एवं जेल स्टाफ ने दोनों संस्थाओं का आभार जताते हुए कहा कि ऐसी सकारात्मक गतिविधियों से कैदियों के व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन आता है। कार्यक्रम में बीके शिवली बहन, वर्षा कृपलानी, कमला रायपुरिया, मंजू अग्रवाल, स्वर्णलता जैन, दीपिका शारदा, बीना शर्मा, रामेश्वरी, ब्रजबाला, विमला देवी गोठवाल, रिंकू सोनी, हिमांशु सिंह सहित कई सदस्याएं उपस्थित रहीं।