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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत "हर घर तिरंगा" अभियान के तहत जिले के विभिन्न नगर निकायों, ग्राम पंचायतों एवं शैक्षणिक संस्थानों में 07 अगस्त को देशभक्ति से ओत-प्रोत कार्यक्रमों का भव्य आयोजन हुआ। इन आयोजनों ने न केवल राष्ट्रप्रेम की भावना को प्रबल किया, बल्कि समाज में एकता, सौहार्द और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण का संदेश भी दिया।
नगर परिषद निंबाहेड़ा द्वारा आयोजित सांस्कृतिक महोत्सव में महिलाओं एवं बालिकाओं ने देशभक्ति गीतों पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस मंच ने जहां स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित किया, वहीं देशभक्ति की भावना को भी और मजबूत किया।
मातृकुंडिया में शहीद स्मारक पर राजीविका महिला समूह की समस्याओं ने रंगोली बनाकर शहीदों को नमन किया और उनके बलिदान को स्मरण किया।
राशमी क्षेत्र में विभिन्न विद्यालयों ने 15 अगस्त समारोह की तैयारियों के अंतर्गत विविध सांस्कृतिक एवं रचनात्मक गतिविधियों का आयोजन किया। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, बारू में तिरंगा रैली निकालकर राष्ट्र प्रेम का संदेश दिया गया तथा वृक्षों को राखी बांधकर पर्यावरण संरक्षण की अनूठी मिसाल पेश की गई। वहीं, मरमी गांव के मरमी माता मंदिर प्रांगण में तिरंगा थीम पर रंगोली सजाकर देशभक्ति का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया गया।
नगर पालिका रावतभाटा ने एक अभिनव पहल करते हुए सब्जियों से तिरंगा बनाकर सब्जी एवं फल विक्रेताओं को हर घर तिरंगा अभियान के प्रति जागरूक किया, जिससे आमजन में इस अभियान के प्रति उत्साह बढ़ा।
भदेसर, बेगू एवं बड़ीसादड़ी में राजीविका महिला समूह द्वारा तिरंगा राखी वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस दौरान तिरंगा रैली निकाली गई, शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई, तिरंगे के साथ सेल्फी ली गई और हस्ताक्षर अभियान में भाग लेकर अभियान को नई ऊर्जा दी गई।
नगर परिषद निंबाहेड़ा द्वारा शहर के प्रमुख बाजारों को तिरंगा थीम लाइटिंग से सजाया गया, जिससे पूरा क्षेत्र देशभक्ति के रंग में सराबोर हो गया और रात्रि का नज़ारा अत्यंत प्रेरणादायक बना।
बड़ी सादड़ी में विद्यालय स्तर पर तिरंगा थीम पर रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें विद्यार्थियों ने अपनी रचनात्मकता, देशभक्ति और कला का सुंदर संगम प्रस्तुत किया। साथ ही, बेगू एवं बड़ी सादड़ी दोनों ही स्थानों पर राजीविका महिला समूह द्वारा तिरंगा राखी वर्कशॉप आयोजित कर अभियान को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया गया।
इन सभी आयोजनों ने यह सिद्ध किया कि "हर घर तिरंगा" केवल एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन है, जो हर वर्ग, हर आयु और हर समुदाय को राष्ट्र प्रेम के सूत्र में पिरो रहा है।