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35 कट्टों में था पीसा हुआ डोडा चूरा
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो चित्तौड़गढ़ की टीम ने मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही की है। एक ट्रक में हिमाचल ले जाया जा रहा अनुमानित 50 लाख मूल्य का साढ़े दस क्विंटल से ज्यादा डोडा चूरा पकड़ा है। इस मामले में ट्रक चालक को गिरफ्तार किया है। दवाइयों के पैकेट की आड़ में डोडा चूरा तस्करी हो रही थी। गिरफ्तार आरोपित से नारकोटिक्स की टीम पूछताछ में जुटी हुई है। नारकोटिक्स चित्तौड़गढ़ के अधीक्षक सी प्रसाद ने बताया कि नारकोटिक्स को मुखबिर से डोडा चूरा तस्करी की सूचना मिली थी। इस सूचना के आधार पर नारकोटिक्स की टीम ने नरपत की खेड़ी पुलिया पर नाकाबंदी की। इस दौरान मुखबिर की और से बताया हुआ ट्रक आता हुआ दिखाई दिया, जिसे नारकोटिक्स की टीम ने रोका और चालक से पूछताछ की। जांच में ट्रक संदिग्ध पाया गया। इस पर ट्रक को नारकोटिक्स कार्यालय लाया गया, जहां गहनता से जांच की। इसमें सामने आया कि इस ट्रक में आगे की तरफ दवाइयां और पेंसिल के पैकेट रखे हुए थे। वहीं इनके पीछे प्लास्टिक के कट्टे पड़े हुए थे। इन कट्टो की जांच की तो उनमें पिसा हुआ डोडा चूरा भरा मिला। इस पर नारकोटिक्स चित्तौड़गढ़ ने 35 कट्टों में भरा 1042 किलो से ज्यादा डोडा चूरा जप्त कर लिया। इस संबंध में एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया। मामले में ट्रक चालक हिमाचल निवासी असलम खान पुत्र खान मोहम्मद को गिरफ्तार किया है। इसे चित्तौड़गढ़ न्यायालय में पेश किया, जहां से 3 दिन के रिमांड पर सौंपने के आदेश दिए हैं। मौके पर नारकोटिक्स चित्तौड़गढ़ के अधीक्षक सी प्रसाद, निरीक्षक आरके चौधरी व परमवीर सिंह, उप निरीक्षक शकील अहमद खान, हेमंत, समरथ गनावा व सुरेंद्र, हवलदार व चालक विजय सोलंकी विष्णु दास की टीम ने कार्यवाही की।
मंगलवाड क्षेत्र के ढाबों से एकत्रित किया डोडा चूरा
नारकोटिक्स की टीम ने गिरफ्तार ट्रक चालक से पूछताछ की है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि यह ट्रक सीधे हिमाचल जा रहा था। वही ट्रक में से पकड़ा गया डोडा चूरा चित्तौड़गढ़ और उदयपुर के बीच मंगलवाड क्षेत्र में स्थित ढाबों से एकत्रित किया गया था। इस संबंध में नारकोटिक्स टीम गहन पूछताछ में जुटी हुई है। वहीं यह भी साफ बात सामने आई है कि नारकोटिक्स के अधीक्षक सी प्रसाद ने एक दिन पूर्व ही कार्य भार ग्रहण किया था। कार्य भार ग्रहण करने के कुछ समय में ही नारकोटिक्स को बड़ी सफलता हासिल हुई है।