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                                            अखिल तिवारी 
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जिले के शंभूपुरा में उदयपुर संभाग का सबसे बड़ा कंटेनर डिपो खुलने जा रहा है। करीब 100 बीघा जमीन में यह कंटेनर डिपो खुलेगा। इसको लेकर जमीन चिन्हित करने के साथ ही कार्य शुरू हो गया है। यह कंटेनर डिपो रेललाइन के बिल्कुल पास में है। ऐसे में चित्तौड़गढ़, राजसमंद भीलवाड़ा, सहित अन्य जिलों से मार्बल सहित अन्य वस्तुओं को लदान कर साउथ में भेजने में समय के साथ किराया भी बचेगा। इससे व्यापारियों को भी मुनाफा होगा तो एक नई सुविधा शुरू होगी। इसके अलावा रेलवे की आय में भी वृद्धि होगी।
जानकारी में सामने आया कि राजसमंद एवं चित्तौड़गढ़ जिले में मार्बल का बड़ा कार्य है। यहां से प्रतिदिन मार्बल का लदान होकर देश के कोने-कोने में और विदेश में भी होता है। इसके अलावा भी अन्य सामग्री साउथ और अन्य राज्यों में भेजी जाती है। वर्तमान में कंटेनर के माध्यम से सामग्री भेजी जाती है। चित्तौड़गढ़ के नजदीक में उदयपुर जिले के खेमली और अजमेर जिले के किशनगढ़ में कंटेनर डिपो है। चित्तौड़गढ़ से सामग्री खेमली और किशनगढ़ भेजी जा रही थी। ऐसे में चित्तौड़गढ़ जिले में कंटेनर डिपो की भी आवश्यकता महसूस की जा रही थी। जिले के व्यापारियों की यह आवश्यकता अब पूरी होने जा रही है। चित्तौड़गढ़ जिले के शंभूपुरा में कंटेनर डिपो खुलने वाला है। रेल लाइन के नजदीक यह उदयपुर संभाग का सबसे बड़ा कंटेनर डिपो होगा। अहमदाबाद की कंपनी एचजेएम एडवाइजर प्राइवेट लिमिटेड ने इसके लिए रेलवे से अनुबंध किया है। रेलवे से अनुबंध होने के बाद कंपनी की ओर से कार्य शुरू कर दिया गया है। जमीन का सर्वे पहले ही कर लिया गया था। वहीं क्षेत्र से किन वस्तुओं का कंटेनर में लदान हो सकेगा, इसको लेकर चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा व राजसमंद जिले में कंपनी की ओर से सर्वे किया गया है। 
करीब 100 बीघा में खुलेगा, एक हजार कंटेनर की क्षमता
एचजेएम एडवाइजर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर हरीश मेहता ने बताया कि कंपनी ने कंटेनर डिपो के लिए रेलवे से अनुबंध किया है। करीब 100 बीघा जमीन में कंटेनर डिपो खोला जा रहा है। इसमें 30 बीघा जमीन रेलवे की है। वहीं निजी जमीन लेकर अनुबंध करते हुवे कार्य शुरू किया है। ऐसे में क्षेत्र के व्यापारियों को सुविधा बढ़ेगी।
कई वस्तुएं भेजी जाएगी डिपो से
कंपनी की और से तीन जिलों में इसके लिए सर्वे कराया है। इसमें सामने आया कि मुख्य रूप से मार्बल और इसके बाद अनाज का लदान दक्षिण के राज्यों में होता आया है। इसके अलाव मिनरल्स सहित अन्य वस्तुएं भेजी जा सकती है। रेल लाइन नजदीक है इसके कारण कंटेनर ट्रेन में कम समय में लदान हो जाएंगे।
यूं होगा फायदा, कम होगी 220 किमी की दूरी
शंभूपुरा में कंटेनर डिपो के लिए जो जमीन का चयन किया है वह रेलवे लाइन के बिल्कुल नजदीक है। वर्तमान में स्थानीय व्यवसाई किशनगढ़ कंटेनर डिपो से मार्बल सहित अन्य सामग्री साउथ के राज्यों में भेजते हैं। अब चित्तौड़गढ़ के शंभूपुरा में ही सुविधा शुरू हो जाएगी तो किशनगढ़ तक का ट्रांसपोर्टेशन का व्यय बचेगा। चित्तौड़गढ़ से किशनगढ़ करीब 220 किलोमीटर है। यही स्थानीय व्यापारियों को फायदा होगा। समय भी बचेगा। इसके अलावा रेलवे की आय बढ़ेगी। इसके बाद व्यवसाई का किशनगढ़ से ट्रेन का चित्तौड़गढ़ का किराया भी बचेगा। 
इन्वेस्टमेंट समिट में 25 करोड़ का एमओयू
कंपनी के डायरेक्टर हरीश मेहता ने बताया कि कंटेनर डिपो खोलने को लेकर 100 करोड़ के बजट का अलग-अलग टुकड़ों में निवेश होगा। वहीं गत दिनों चित्तौड़गढ़ में हुवे राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट में भी गए थे। यहां भी 25 करोड़ का एमओयू किया था। इसमें राज्य सरकार की और से आवश्यक सुविधाएं मिलेगी। 
क्षेत्र में बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
हरीश मेहता ने बताया कि कंटेनर डिपो से रेलवे की आय बढ़ने के साथ ही व्यापारियों का किराया बचेगा। किशनगढ़ की तुलना में मार्बल के मूल्यों में कंपीटिशन कर पाएंगे। कंटेनर डिपो से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। मशीनरी स्थापित होगी। 
भविष्य में वेयर हाउस भी खोलने की योजना
कंपनी के डायरेक्टर हरीश मेहता ने बताया कि भविष्य में यहां कंटेनर डिपो के साथ ही वेयर हाउस भी खोलने की योजना है। इससे कि व्यापारियों को अपनी वस्तुएं रखने में सुविधा रहेगी। इससे व्यापारियों के ट्रांसपोर्टेशन के अलावा लदान का खर्च बचेगा।