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- लेकिन एमडी सप्लाई करने वालों को नहीं पकड़ा

सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र में गत दिनों एक मकान से अलग-अलग कर हुई पौने चार लाख की नकदी चोरी के मामले में प्रार्थी ने पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई है। प्रार्थी ने थाने में दर्ज चोरी के इस मामले में निष्पक्ष अनुसंधान कर राशि बरामदगी की मांग की है। वहीं दूसरी तरफ अनुसंधान अधिकारी ने मामले में दो अपचारियों को डिटेन किया है तथा एमडी के नशे और पार्टी में सारी राशि उड़ाने की बात कही है। वहीं दूसरी और पुलिस की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है कि नाबालिग ने एमडी जिन सप्लायर्स से खरीदी उन पर कार्यवाही क्यों नहीं की।
जानकारी में सामने आया कि शहर के कोतवाली थाने में प्रार्थी नदीम हुसैन छीपा ने प्रकरण दर्ज करवाया था। इसकी रिपोर्ट पर पुलिस ने प्रकरण संख्या 39/2025 दर्ज कर जांच की। इसी मामले प्रार्थी ने पुलिस अधिकारियों को गत दिनों ज्ञापन सौंपा। इसमें बताया कि प्रार्थी का पुश्तैनी मकान छीपा मोहल्ला में नीचे की मस्जिद के पास होकर अपने पिता के साथ संयुक्त रहता था। प्रार्थी ने कपडा बाजार में मकान निर्माण के लिए बैंक से ऋण लिया था और रुपए घर पर रखे थे। प्रार्थी नए मकान में रहा था और पिता पुश्तैनी मकान ने रह रहे थे। शाम के समय सभी परिवारजन नए मकान में आ जाते है। इसी बात के मौके का फायदा उठा गत 13 जनवरी प्रार्थी के पिता पुराने मकान गए तो चोरी की नियत से मकान में घुसे आरोपित अपनी पहनी हुई चप्पल मौके पर छोड कर भाग गए। मौके पर मिली चप्पल के आधार पर चोरी के आरोपितों का पता चला। आरोपितों ने पुराने मकान में रखे लोहे की पेटी में से करीब 2 लाख 75 हजार रुपए चोरी कर ले गए। इनसे पूछताछ की तो चोरी की बात भी स्वीकार कर ली। यह भी बताया कि पूर्व में एक लाख रुपए चुरा कर ले गया था। इस तरह आरोपित प्रार्थी के पुराने मकान से अब तक 3 लाख 75 हजार रुपए चोरी कर ले गए। इसकी 14 जनवरी को कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी, जिसकी एएसआई देवीलाल ने जांच की। जांच के बाद आरोपियों के नाम सामने आए। इस पर जांच अधिकारी के कहने पर नामजद रिपोर्ट 24 जनवरी को दी थी। लेकिन आज तक आरोपितों को गिरफ्तार नहीं किया, ना ही 3 लाख 75 हजार रुपए बरामद किए। प्रार्थी ने रुपए बरामद करने की मांग पुलिस अधिकारियों से की है। साथ बताया कि प्रार्थी आर्थिक रूप से परेशान है और आरोपित संगीन वारदात करने की धमकियां दे रहे हैं। साथ प्रार्थी व परिवार पर रिपोर्ट उठाने का दबाव बना रहे हैं। प्रार्थी ने बताया कि आरोपित नशे के आदी हैं, जो धमकियां देते हैं।
पुलिस ने माना एमडी के नशे में उड़ाई राशि
इस मामले में कोतवाली थाने के एएसआई देवीलाल ने बताया कि पुलिस ने प्रार्थी की रिपोर्ट पर प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की। जांच में चोरी में लिप्त दो जने नाबालिग निकले। इस पर इन्हें डिटेन किया गया। अनुसंधान में सामने आया कि करीब छह माह से चोरी कर रहे थे। पूछताछ में एमडी का नशा करने और पार्टी में चोरी की राशि उड़ाने की बात सामने आई। वहीं इस मामले में इमरान उर्फ खेमा पर भी आरोप लगाया लेकिन वह शामिल नहीं था।
तो एमडी सप्लाई करने वालों पर मेहरबानी क्यों?
पुलिस जांच में करीब पौने चार लाख रुपए एमडी के नशे और पार्टी में खर्च करना माना और एक रुपए की बरामदगी नहीं की। लेकिन अब इस मामले में पुलिस की मंशा पर ही सवाल उठ खड़े हुवे हैं। पुलिस ने यह तो मान लिया कि चोरी का पैसा एमडी के नशे में उड़ा दिया लेकिन मासूम नाबालिग को एमडी थमाने वाले सप्लायर के खिलाफ पुलिस ने कार्यवाही क्यों नहीं की। पुलिस की एमडी सप्लाई करने वालों पर मेहरबानी करना समझ से परे हैं। वहीं दूसरी तरफ पुलिस नशे के खिलाफ कार्यवाही का दावा करती है।