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खाते खुलवाकर सरगना को सौंपते थे दस्तावेज

सीधा सवाल। प्रतापगढ़। मोबाइल थोक व्यापारी बनने का झांसा देकर एक व्यक्ति से दो लाख से अधिक की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए प्रतापगढ़ साइबर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो को दिल्ली के एक होटल से जबकि तीसरे को जयपुर से पकड़ा गया है।
पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार बंसल के निर्देश पर चलाए जा रहे साइबर ठगी विरोधी अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई। एएसपी परबत सिंह एवं डीएसपी गजेन्द्र सिंह राव के मार्गदर्शन में थानाधिकारी हरिसिंह मय टीम ने यह कार्रवाई अंजाम दी। एसपी विनीत बंसल ने बताया कि मामला 16 मार्च 2023 का है। जब प्रतापगढ़ निवासी तुषार बत्रा ने रिपोर्ट दी कि एक व्यक्ति ने खुद को देवास निवासी सुमित पुत्र अशोक कुमार चंदवानी बताया और मोबाइल थोक व्यापारी बनकर संपर्क किया। आरोपी ने दो लाख 38 हजार 550 रुपये ट्रांसफर करवाए और फिर सारे मोबाइल बंद कर दिए।
पीड़ित ने बताया कि वाट्सएप चैट भी आरोपी ने डिलीट कर दिए। इस पर साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई।
जांच के दौरान आरोपियों के बैंक खातों को फ्रीज किया गया और खातों का विवरण खंगाला गया। तकनीकी साक्ष्यों और बैंक ट्रांजेक्शनों के आधार पर आरोपियों की लोकेशन ट्रेस की गई। बलराम मीणा और अतीश खंडेलवाल के दिल्ली में छुपे होने की सूचना पर टीम ने दोनों को होटल से पकड़ा। वहीं, तीसरे आरोपी अशोक कुमार को जयपुर से डिटेन किया गया।
पुलिस ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे लोगों के नाम पर बैंक खाते खुलवाकर उसकी पासबुक, चेकबुक, एटीएम और सिम मुख्य सरगना को सौंप देते थे। बदले में इन्हें प्रति खाता 50 हजार रुपये मिलते थे। ये खाते साइबर ठगी और गेमिंग एप्स में फर्जी इन्वेस्टमेंट के लिए इस्तेमाल होते थे। गिरफ्तार आरोपी में बलराम मीणा, निवासी अभयपुरा, जयपुर, अतीश खंडेलवाल, निवासी प्रतापनगर, जयपुर और अशोक बैरवा, निवासी महुवा, दौसा को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है। पुलिस की इस कार्यवाही में प्रतापगढ़ साइबर थाना अधिकारी हरिसिंह, सहायक उप निरीक्षक कमलेश कुमार, कांस्टेबल दशरथ कुमार, कांस्टेबल रमेश चंद्र, पांचूराम, विनोद महिला कांस्टेबल मिराज कुंवर, संगीता, अंकिता माली ,महेश टीम में शामिल थे।पुलिस का कहना है कि मुख्य सरगना की तलाश जारी है ।