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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। विशिष्ट न्यायालय पोक्सो क्रमांक 1 के पीठासीन अधिकारी ने दो अपहरण और दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त को दोषी माना है। अभियुक्त को आईपीसी व पोक्सो की धाराओं में दोषी मानते हुए 20 साल के कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। पोक्साे न्यायालय क्रमांक 1 की पीठासीन अधिकारी लता गौड़ ने अभियुक्त राजू उर्फ राजेन्द्र को 20 साल कारावास और 70 हजार रूपये अर्थदंड से दंडित किया है। पोक्सो अदालत क्रमांक-1 के विशिष्ट लोक अभियोजक गोपाल जाट ने बताया कि राशमी निवासी प्रार्थी ने 5 जनवरी 2020 को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि 25 दिसम्बर को उसकी बच्ची स्कूल गई थी जो लौट कर नहीं आई। इस मामले में पुलिस ने राजू उर्फ राजेन्द्र पुत्र जगदीश दरोगा को गिरफ्तार कर नाबालिग को दस्तियाब किया। इस मामले में विशिष्ट लोक अभियोजक ने अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाह और 28 दस्तावेज प्रदर्श करवाए। उभय पक्षों की बहस सुनने के बाद पोक्सो न्यायालय क्रमांक 1 की पीठासीन अधिकारी लता गौड़ ने धारा 363 में 3 साल सजा और 5 हजार जुर्माना, धारा 366 में 7 साल सजा और 10 हजार जुर्माना धारा 344 में दो वर्ष सजा और 5 हजार जुर्माना और पोक्सो एक्ट की धारा 5 (एल)/6 के तहत 20 वर्ष की सजा और 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। इस प्रकार न्यायालय में अभियुक्त को 20 साल सजा और 70 हजार जुर्माने से दंडित किया है।