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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की स्थानीय इकाई कृषि विज्ञान केन्द्र, चित्तौड़गढ़ द्वारा समूह प्रथम पंक्ति प्रदर्शन रबी तिलहन 2024-25 के तहत गांव सिरड़ी (चित्तौड़गढ़) में कृषक कंचन देवी जटिया के खेत पर प्रक्षेत्र दिवस सरसों फसल का आयोजन किया गया। प्रक्षेत्र दिवस में 36 कृषक एवं कृषक महिलाओं ने भाग लिया।
केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. रतन लाल सोलंकी ने कहा कि सरसों की उन्नत किस्म आर.एच. 725 का सिरड़ी गांव में 25 किसानो के 10 हैक्टर क्षेत्र में प्रथम पंक्ति प्रदर्शन लगायें गये एवं इस प्रदर्शन में बीज उपचार ट्राइकोड्रमा (जैविक फफूंदनाशक) व राइजोबियम व पी.एस.बी. कल्चर के साथ सल्फर भी उपलब्ध कराया गया। उन्होंने तिलहन फसलो में सल्फर या जिप्सम प्रयोग पर जोर देते हुए बताया कि किसान भाई सरसों की फसल में प्रमुख रूप से सल्फर का प्रयोग करें। जिससे दाने में चमक के साथ-साथ आकर्षण और तेल की मात्रा भी चढ़ती है। उन्नत किस्म का बीज प्रयोग करने से ही पैदावार में 15 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी प्राप्त की जा सकती है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड का महत्व एवं मृदा के नमूने लेने के तरीके के बारे में बताया। साथ ही प्रदर्शन खेत के पौधो की वृद्धि व शाखाए अधिक तथा फलियों व दानो की संख्या स्थानीय किस्म से अधिक पाई गई, यह किस्म 136-145 दिन में पकती है एवं रेतीली एवं मध्यम भूमि क्षेत्रो के लिए उपयुक्त है, औसत पैदावार 25-26 क्विंटल प्रति हैक्टर, कम एवं मध्यम वर्षा वाले क्षेत्रो के लिए एकाधिक प्रतिरोधी किस्म है। इस किस्म में तेल की मात्रा 40 प्रतिशत होती है। फसलो में खरपतवार प्रबंधन तथा कीट नियंत्रण करने के उपाय की जानकारी दी। संजय कुमार धाकड़, तकनीकी सहायक ने किसानो को बताया कि सरसों की उपज को बढ़ाने तथा उसे टिकाऊपन बनाने में नाशक जीवों और रोगों का प्रकोप एक प्रमुख समस्या है। जिससे इसकी उपज में काफी कमी हो जाती है। यदि समय पर रोगों एवं कीटों का नियंत्रण कर लिया जाये तो सरसों के उत्पादन में बढ़ोत्तरी की जा सकती है। चेंपा या माहू, आरामक्खी, चितकबरा कीट, लीफ माइनर, बिहार हेयरी केटरपिलर आदि सरसों के मुख्य नाशी कीट हैं। इसकी रोकथाम के लिये एसिटामिप्रिड 20 प्रतिशत एसपी 600 ग्राम या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस. एल. 150 मिली. को 500 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर में सायंकाल में छिड़काव करें। अन्त में अखिलेश पांडे, बिरला सी.एस.आर. प्रतिनिधि ने प्रक्षेत्र दिवस में उपस्थित सभी कृषक एवं कृषक महिलाओं को धन्यवाद ज्ञापित किया।