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एक दिन में की जाएगी एक लाख बच्चों के आंखों की जांच

सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें अधिशास्ता आचार्यश्री महाश्रमण के पावन आध्यात्मिक दिशा निर्देश एव तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिम्मत मांडोत, महामंत्री मनीष कोठारी के मार्गदर्शन में 18 जुलाई को देशव्यापी नेत्र जांच अभियान मिशन दृष्टि का आयोजन किया जाएगा। यह अभियान भारत सहित अन्य कई देशों में एक साथ संपन्न होगा जिसके अंतर्गत सौ से भी अधिक स्थानों पर एक साथ नेत्र जांच शिविर आयोजित होंगे।
टीपीएफ प्रेसिडेंट डॉ अतुल खाब्या ने बताया कि मानव सेवा की महनीय पहल मिशन दृष्टि का उद्देश्य स्कूली बच्चों के नेत्र संबंधित रोगों की जांच कर समय रहते समस्याओं की पहचान एवं आवश्यक ईलाज उपलब्ध कराना है ताकि उन्हें सटीक उपचार हेतु आगे रेफर किया जा सके। एक दिन में एक लाख से भी अधिक बच्चों के नेत्रों की जांचे की जाएगी, जो अब तक का सबसे संगठित एवं व्यापक स्तर पर संचालित नेत्र स्वास्थ्य मिशन माना जा रहा है।
डॉ अनीश जैन के नेतृत्व में मिशन दृष्टि मेगा आई कैम्प बैनर का विमोचन किया गया। इस अवसर पर डॉ अतुल खाब्या, डॉ मधु जैन, डॉ ऋतु खाब्या, प्रियंका ढीलीवाल, यश पोखरना, मुदित जैन, उदित जैन, शानू सुराणा आदि की उपस्थित थे।
कैम्प संयोजक यश पोखरना ने बताया कि बच्चों में बढ़ रहा नेत्र रोग चिंता का विषय बनता जा रहा है। मोबाइल और डिजिटल स्क्रीन के अत्यधिक उपयोग से बच्चों में शारीरिक और मानसिक तनाव के साथ-साथ,मायोपिया एवं विजन समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। कई मामलों में बच्चों को खुद भी इस समस्या का आभास नहीं होता, और अभिभावकों को भी जानकारी नहीं होती कि उनके बच्चों को नेत्र संबंधित समस्याएं हो चुकी हैं। ऐसे में यह अभियान बच्चों की आंखों की समय रहते जांच कर, प्रारंभिक चरण में ही समस्याओं का निदान करने का एक सराहनीय प्रयास है।
टीपीएफ की जॉन सेकेट्ररी डॉ प्रियंका ढीलीवाल ने बताया कि मिशन दृष्टि अभियान का आयोजन देश में तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम की सौ से भी अधिक शाखाओं और 11 हजार प्रोफेशनल सदस्यों के समन्वित प्रयासों द्वारा किया जा रहा है।
टीपीएफ सेकेट्ररी शानू सुराणा ने बताया कि विगत तीन महीनों से देशभर की शाखाएं इस ऐतिहासिक आयोजन की प्रभावी योजना एवं निष्पादन हेतु सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। मिशन दृष्टि न केवल सेवा, संगठन और स्वास्थ्य चेतना का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और जनकल्याण की दिशा में एक नई मिसाल भी स्थापित करेगा।
