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राज्य स्तरीय संस्कृत विद्वत सम्मान समारोह 7 अगस्त को उदयपुर में

सीधा सवाल। निंबाहेड़ा।
संस्कृत शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की अध्यक्षता में विद्युत सम्मान समारोह के लिए पुरस्कृत होने वाली प्रतिभाओं के चयन के लिए समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक में सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय के अनुसार इस बार एक लाख राशि का संस्कृत साधना शिखर सम्मान चित्तौड़गढ़ जिले के निंबाहेड़ा क्षेत्र के कैलाशचंद्र मूंदड़ा को दिया जाएगा, जबकि संस्कृत साधना सम्मान पुरस्कार प्रोफेसर वाई एस रमेश जयपुर तथा प्रोफेसर डॉ मूलचंद चूरु को दिया जाएगा। इस पुरस्कार में सम्मान स्वरूप दोनों को 51 हजार रुपए की राशि भेंट की जाएगी। इसी प्रकार संस्कृत विद्वत सम्मान पुरस्कार 7 प्रतिभाओं को दिया जाएगा। जिनमें डॉ भगवती लाल सुखवाल उदयपुर, डॉ नाथूलाल सुमन जयपुर, डॉक्टर लता श्रीमाली जयपुर, चंद्रशेखर शर्मा टोंक, मनीषी लालस जयपुर, डॉ कौशल तिवारी बारां तथा डॉ फिरोज जयपुर के नाम शामिल हैं। इस पुरस्कार के तहत सभी चयनित विद्वानों को 31 हजार रुपए राशि भेंट की जाएगी, जबकि संस्कृत के क्षेत्र में कार्य करने वाली युवा प्रतिभाओं को सम्मानित करने के लिए 21 हजार राशि का संस्कृत युवा प्रतिभा पुरस्कार डॉ प्रियंका खंडेलवाल बारां, नाथू सिंह मीणा जयपुर, मूलचंद महावार सवाई माधोपुर, डॉ कानाराम जाट जयपुर, डॉ पंकज मरमठ उदयपुर, डॉ पंकज कुमार शर्मा जयपुर, डॉ श्याम सुंदर पारीक टोंक, डॉ रतन सिंह शेखावत झुंझुनू, डॉ आराधना व्यास जयपुर, अग्निमित्र शास्त्री कोटा तथा स्वामी राजेंद्र पुरी जोधपुर को दिया जाएगा तथा मंत्रालयिक सेवा सम्मान पुरस्कार चंद्रशेखर परीक जयपुर तथा शैलेंद्र पाटीदार उदयपुर को दिया जाएगा। इसमें पुरस्कार स्वरूप 11 हजार रुपए की राशि भेंट की जाएगी। संस्कृत शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की अध्यक्षता वाली चयन समिति की संपन्न हुई बैठक में गोपाल शर्मा विधायक सिविल लाइंस जयपुर, शासन सचिव संस्कृत शिक्षा के प्रतिनिधि संयुक्त शासन सचिव कैलाश चंद्र यादव, राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर की विभाग अध्यक्ष (संस्कृत) प्रोफेसर ज्योत्स्ना वशिष्ठ, जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर के सहआचार्य डॉ विनोद कुमार शर्मा, राजकीय आचार्य संस्कृत महाविद्यालय तालाब गांव दौसा के प्राचार्य हजारीलाल बैरवा, राजकीय महाराज आचार्य संस्कृत महाविद्यालय जयपुर की प्रोफेसर डॉ शालिनी सक्सैना, संयुक्त निदेशक संस्कृत शिक्षा राजस्थान जयपुर डॉ जितेंद्र कुमार अग्रवाल तथा संस्कृत शिक्षा विभाग की आयुक्त प्रियंका जोधावत मौजूद थी।
कैलाश चंद मूंदड़ा जीवन परिचय
कैलाशचंद मूंदड़ा को 2025 में मेवाड़ विद्वत एवं प्रतिभा सम्मान समारोह समिति चित्तौड़गढ़ द्वारा विद्वत रत्न सम्मान से सम्मानित किया जा चूका हैं। वर्ष 2002 में श्री कल्लाजी वेदपीठ एवं शोध संस्थान की स्थापना की। वर्ष 2021 में ग्राम जावदा में संस्कृत प्रवेशिका विद्यालय की स्थापना की, जो वर्तमान में वरिष्ठ उपाध्याय में क्रमोन्नत हैं। 2018 में श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय की स्थापना की तथा संस्था के माध्यम से वेद निष्ठा एवं भारतीय संस्कृति व भारतीय मूल्यों की स्थापना हेतु कार्य कर रहे हैं। गौसेवार्थ गौशाला में 400 गायों की सेवा कार्य करते हैं। 67 वर्षीय कैलाशचंद्र मूंदड़ा का जन्म 23 सितम्बर 1957 को हुआ।
