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नागरिकों की शिकायतें बेकार, प्रशासन बेपरवाह

सीधा सवाल
पाली नगरनिगम क्षेत्र के सूरजपोल कुम्हारों का निचला बास, प्रगति स्कूल वाली गली में पिछले एक महीने से सीवरेज की गंभीर समस्या ने स्थानीय निवासियों की जिंदगी को नरक बना दिया है। गलियों में बहता गंदा पानी, भयंकर दुर्गंध और अस्वच्छ वातावरण ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। सड़कों पर जमा गट्ठर का पानी न केवल आवागमन को प्रभावित कर रहा है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा बन गया है। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं इस स्थिति से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, जिन्हें रोजमर्रा के कामों में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
**नागरिकों की शिकायतें बेकार, प्रशासन बेपरवाह**
मोहल्ले के निवासियों ने इस समस्या के समाधान के लिए नगर परिषद और जिला कलेक्टर को कई बार लिखित और मौखिक शिकायतें की हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही। स्थानीय निवासी ने बताया, "हमने बार-बार अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। गंदगी और बदबू के कारण बच्चों को स्कूल भेजना भी मुश्किल हो गया है।" एक अन्य निवासी, शांति देवी ने कहा, "हमारे घरों में दुर्गंध इतनी ज्यादा है कि खाना-पीना तक मुश्किल हो गया है।"
**स्वास्थ्य और पर्यावरण पर खतरा**
सीवरेज का पानी सड़कों पर बहने से मच्छरों और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। डेंगू, मलेरिया और अन्य जलजनित रोगों का भय लोगों को सता रहा है। गली में रहने वाले बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर इसका सबसे बुरा असर पड़ रहा है। इसके अलावा, गंदा पानी सड़क पर जमा होने से पैदल चलना और वाहन चलाना भी जोखिम भरा हो गया है। कई बार लोग फिसलकर चोटिल भी हो चुके हैं।
**जनता की मांग: तुरंत समाधान**
मोहल्ले के लोग अब तंग आ चुके हैं और मांग कर रहे हैं कि प्रशासन इस समस्या का तत्काल समाधान करे। वे चाहते हैं कि सीवरेज लाइन की मरम्मत या सफाई का काम जल्द शुरू हो, ताकि गंदे पानी का बहाव रोका जा सके। साथ ही, भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए स्थायी समाधान की जरूरत है। निवासियों का कहना है कि वे टैक्स देते हैं और बदले में स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण की उम्मीद रखते हैं, जो उनका मूलभूत अधिकार है।
**निष्कर्ष**
सूरजपोल के कुम्हारों का निचला बास में सीवरेज की यह समस्या न केवल स्थानीय निवासियों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है, बल्कि यह प्रशासनिक लापरवाही का भी जीता-जागता उदाहरण है। यह जरूरी है कि नगर परिषद और जिला प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से ले और तुरंत कार्रवाई करे। लोगों को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण में रहने का हक है, और इस हक को सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। यदि यह समस्या जल्द हल नहीं हुई, तो स्थानीय निवासियों का गुस्सा और बढ़ सकता है, जो प्रशासन के लिए और भी बड़ी चुनौती बन सकता है।

