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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। हनुमान जी ने कई कार्य किए हैं जो भी कार्य किया उसको भगवान राम का मान कर हनुमान जी द्वारा किया गया इसलिए आज सारा संसार हनुमान जी की पूजा करता है यह प्रभु श्री राम की कृपा है l हनुमान जी को पवन के पोरस पुत्र व केसरी के सेजल पुत्र के रूप में जाना जाता है पवन पुत्र होने से पवन के समान उनमें बल है l हनुमान चालीसा में तुलसीदास जी ने हनुमानजी के लिए लिखा है की विद्या वान गुणी अति चातुर यानी हनुमान जी को शिक्षा वान न बताकर विद्यावान बताया है l आज के युग में शिक्षा व्यक्ति का पेट व पेटी भर सकती है जबकि विद्या पेट व पेटी भरने के साथ- साथ माता-पिता की सेवा करना भी सिखाती है l आज समाज को समझदार लोगों ने ज्यादा बिगाड़ा है आज की शिक्षा संस्कार विहीन है संस्कारों बिना व्यक्ति को आत्मिक शांति नहीं मिल सकती है अतः अपने पुत्रों को केवल संपत्ति न देकर संपत्ति के साथ-साथ संस्कार भी देकर जाओ ताकि उनका आने वाला कल उज्जवल हो सके l आज व्यक्ति व्यक्तिगत हित के अलावा और कुछ नहीं सोचता है l विद्या सबका कल्याण करना सिखाती है विद्या से व्यक्ति में नम्रता आती है l आज ज्यादा शिक्षावान व्यक्ति को मंदिर में प्रणाम करने में भी शर्म महसूस होती है l हनुमान जी को सभी प्रकार के गुण भगवत कृपा से ही प्राप्त हुए थे प्रभु कृपा से गूंगा व्यक्ति भी वाचाल बन जाता है व पंगु व्यक्ति भी बड़े-बड़े पर्वत को चढ़ जाता है l आज भक्तमाल ग्रंथ से हनुमान जी का चारु चरित्र सुनाया गया हनुमान जी के जन्म के बारे में तीन ग्रंथों में अलग-अलग प्रकार से वर्णन किया गया है यह ग्रंथ है प्रथम वाल्मीकि रामायण दूसरा शिव पुराण तीसरा आनंद रामायण तीनों में अलग-अलग प्रकार से हनुमान जी के जन्म का वृतांत मिलता है हनुमान जी को अपने बचपन काल से ही सभी देवताओं का आशीर्वाद मिला था इस कारण वह हनुमान जी काफी बलशाली हो गए थे बचपन में काफी चंचल स्वभाव के थे हनुमान जी को सूर्यनारायण भगवान द्वारा शास्त्रों का ज्ञान दिया गया था अतः भगवान सूर्य नारायणन उनके गुरु थे l
कथा के दौरान सैकड़ो भक्तजन उपस्थित थे संत रमता राम जी के सानिध्य में भक्तमाल ग्रंथ का वाचन किया जा रहा है l