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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। वैश्विक आस्था के केंद्र चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया में स्थित कृष्ण धाम श्री सांवलियाजी मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व शनिवार को धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपने आराध्य देव के दर्शन के लिए उमड़ पड़े। इससे मंदिर परिसर और मुख्य मार्ग में भक्ति और आस्था का अद्भुत माहौल देखने को मिला है। जन्माष्टमी के मौके पर सांवलियाजी मंदिर में भक्तों की भीड़ वर्ष भर की अपेक्षा कई गुना बढ़ जाती है। इस वर्ष भी ऐसा ही देखने को मिला, जब राजस्थान ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश और गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा जैसे राज्यों से भी बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचे। ऐसे में यहां भक्तों की लंबी कतारें मंदिर के बाहर तक देखी गईं। मंदिर के प्रवेश द्वार से लेकर गर्भगृह तक हर जगह अद्भुत सजावट नजर आ रही है। यहां रात्रि 12 बजे मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा।
आकर्षक सजावट ने मोहा मन
मंदिर परिसर को भव्य फूलों और आकर्षक विद्युत सज्जा से सजाया गया है। यहां देश भर से आए हजारों श्रद्धालु ठाकुरजी के दर्शन कर धर्म लाभ ले रहे हैं। मंदिर परिसर के अलावा कॉरिडोर में श्रृंगार भी श्रृंगार दिखा है। अतिरिक्त जिला कलक्टर एवं मंदिर मंडल की मुख्य कार्य पालक अधिकारी प्रभा गौतम ने बताया कि जन्माष्टमी पर मंदिर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ठाकुरजी का श्रृंगार दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु सहित विभिन्न शहरों से मंगाए गए दुर्लभ फूलों से किया गया है। पहले श्रृंगार गर्भगृह तक सीमित था। वहीं इस बार पूरे मंदिर परिसर और कॉरिडोर को भी आकर्षक सजावट से आलोकित किया गया है। इधर, श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
रात को होगी भजन संध्या
मंदिर बोर्ड सदस्य पवन तिवारी ने बताया कि रात को भजन गायक छोटू सिंह रावणा एवं स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा आयोजित भजन संध्या भक्तों को भाव-विभोर करेगी। दर्शन को लेकर इस बार काफी बंदोबस्त भी किए हैं। जन्माष्टमी पर सांवलिया जी धाम का यह भक्तिमय आयोजन पूरे मेवाड़ क्षेत्र में आस्था, उल्लास और सकारात्मक ऊर्जा का संदेश दे रहा है। वहीं प्रशासन के साथ बोर्ड ने व्यवस्थाओं का जायजा लिया है।
आज दर्शन जल्दी होंगे बंद, होगी आरती
श्री सांवलिया मंदिर के पुजारी कमलेश वैष्णव ने बताया कि सामान्य दिनों में दर्शन रात 11 बजे बंद होते हैं। लेकिन जन्माष्टमी के चलते दर्शन शनिवार रात 10.30 बजे बंद होंगे। इसके बाद भगवान का विशेष श्रृंगार और जन्माष्टमी की तैयारियां होगी। इसके बाद मध्यरात्रि 12 बजे महाआरती के दौरान दर्शन शुरू हो जाएंगे। भगवान को माखन मिश्री व पंजीरी प्रसाद का भोग लगा कर वितरण किया जाएगा।

