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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। श्री जैन दिवाकर स्वाध्याय साधना संस्थान,किला रोड चित्तौड़गढ़ में पर्यूषण पर्व के तीसरे दिन शुक्रवार को आयोजित धर्मसभा में संथारा विशेषज्ञ धर्म मुनि म सा ने प्रवचन में कहा कि जैन कुल में जन्म लेने वाला पाप करने से डरता है और प्रयास करता है कि उसकी ओर से कोई पाप न हो। आज हवाई जहाज में यात्रा के दौरान जैन फूड का मिलना इस बात को बताता है कि जैन धर्म और सिद्धांतों की पहुंच कहां तक है । धर्म मुनि ने इस पर्यूषण पर्व पर अधिक से अधिक तपस्या कर इस पर्व की महत्ता को बढ़ाते हुए अपने कर्मों की निर्जरा को कम से कम करने का आव्हान किया। धर्म सभा को संबोधित करते हुए चिराग मुनि म सा ने कहा कि हमें ऐसे कर्म करने चाहिए जिससे कि आत्मा को परमात्मा बना सकें। उन्होंने आगम को पवित्र बताते हुए उन्हें घर में पवित्र स्थान पर रखने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि यदि आपका वर्तमान अच्छा है तो भविष्य की चिंता नहीं करनी चाहिए संत दर्शन और देव दर्शन कभी भी खाली नहीं जाते ,वह सदैव कुछ ना कुछ देकर ही जाते हैं साधु का तो संयम अच्छा हो और गृहस्थ की श्रद्धा अच्छी हो तो दुख कभी ठहर नहीं सकता। धर्म सभा में केशव मुनि ने कहां की हमें अपना आकलन स्वयं करना चाहिए हमसे जो बनता है उसे करने की शुरुआत आज ही से करनी चाहिए। भाव से ही परिणाम आता है ।सफलता मिले या ना मिले भावना को मूर्त रूप देना जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि स्वरूप आपका त्याग नहीं कर सकते हो तो सत्य पाप का त्याग अवश्य करना चाहिए। पाप की ताकत पाप नहीं उसका रस है। उन्होंने सत्य धर्म का पालन करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि अच्छे कार्य में परस्पर सहयोग देना भी धर्म है। उन्होंने कहा कि पदार्थ लौटने में रुचि रहनी चाहिए पदार्थ बढ़ाने में नहीं। पुण्य बढ़ाओ पदार्थ नहीं। जरूरत नहीं हो तो इच्छा पर नियंत्रण रखना जरूरी। संतोष का धन से कोई लेना-देना नहीं धर्म को सद्गति का रस नहीं सद्बुद्धि का रस प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि जैन धर्म पुरुषार्थ का धर्म है । प्रेम देने में पराधीन है प्रेम लेने में स्वाधीन है। मीडिया संयोजक सुधीर जैन ने बताया कि धर्म सभा की प्रारंभ में चंद्रेश मुनि म सा ने अंतगड़ सूत्र का वाचन किया। आज की धर्मसभा में श्रावक श्वेत वस्त्रों में और श्राविकाएं गुलाबी परिधान में उपस्थित रहे। धर्मसभा में वेश विन्यास के इस सामंजस्य से आध्यात्मिक छटा नजर आई। सभा का संचालन श्रमण संघ अध्यक्ष किरण डांगी ने किया और विभिन्न क्षेत्रों से आए श्रावक श्राविकाओं का स्वागत किया और 24 घंटे चल रहे अखंड नवकार मंत्र जाप ,धार्मिक गतिविधियों और सूचनाओं की जानकारी दी।
श्रमण संघ महामंत्री राजेश सेठिया ने बताया कि धर्म मुनि म सा ने डॉ आई एम सेठिया को 8 उपवास के प्रत्याख्यान कराए । डा आई एम सेठिया की यह रिकॉर्ड 15 वीं अठाई है ।उनके साथ मोनिका अंकित मेहता ने नो उपवास और
ममता नंदावत के आठ उपवास के प्रत्याख्यान दिलाए।