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आलंबन,अनुशासन और अप्रीति का समन्वय जीवन को सफल बनाता है - केशव विजय मुनि

सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। संथारा विशेषज्ञ लोह पुरुष धर्म मुनि म सा ने पर्यूषण पर्व के चौथे दिन श्री जैन दिवाकर स्वाध्याय साधना संस्थान भवन,चित्तौड़गढ़ में शनिवार को आयोजित धर्मसभा में अपने प्रवचन में कहा कि आलस आत्मा को मोक्ष में नहीं जाने देता है। गुस्सा और उत्तेजना हमें पाप की दिशा की ओर ले जाता है।उन्होंने कहा कि धर्म को धारण करना चाहिए।उन्होंने उपस्थित श्रावक श्राविकाओं से कहा कि शरीर सुंदर लगे ऐसे कपड़े पहनने चाहिए।पर्यूषण पर्व में प्रतिदिन प्रतिक्रमण अवश्य करना चाहिए। धर्म मुनि ने मां के पद को सर्वश्रेष्ठ बताया और कहा कि मां को रोज प्रातः नमन वंदन कर उन्हें खुश रखें।संसार का काम मर्यादा से चलता है । धर्मसभा में केशव विजय मुनि म सा ने आलंबन को जीवन का अभिन्न अंग बनाने की प्रेरणा देते हुए कहा कि आलंबन ऐसी ठोस चीज है जिसका सहारा लेकर आगे बढ़ा जा सकता है। जितना आलंबन मजबूत होगा उतनी ही पात्रता बढ़ेगी।उन्होंने आसमान में ऊंची उड़ती पतंग का उदाहरण देते हुए कहा कि ताकत पतंग की नहीं बल्कि डोर के आलंबन की होती है। जीवन में आलंबन पर फोकस करना बहुत जरूरी है। वर्तमान में गुरु और आगम को महत्व देने पर ही मोक्ष मार्ग पर बढ़ा जा सकता है। आलंबन उसी व्यक्ति का हो सकता है जिसका अपनी इंद्रियों पर अनुशासन हो। अनुशासन तभी संभव है जब ग्रहण करने वालों में पात्रता हो ।बिना अनुशासन का घर ,झगड़े का अड्डा बन जाता है।उन्होंने अप्रीति को त्यागने पर बल देते हुए कहा कि चाहे सारा संसार तुम्हारा दुश्मन बन जाए पर तुम किसी के दुश्मन न बनो यही अप्रीति है।केशव विजय मुनि ने श्रावक को चेक और मुनि को ड्राफ्ट बताते हुए कहा कि चेक बाउंस अथवा डिसऑर्डर हो सकता है पर ड्राफ्ट कभी बाउंस नहीं हो सकता है।कुछ न कुछ प्राप्त करने की जिज्ञासा का भाव रखेंगे तो कभी अप्रीति नहीं होगी। अनुशासन उसी व्यक्ति में आयेगा जिसके मन में अन्तर्द्वंद नहीं होगा। व्यक्ति में अन्तर्द्वंद का भाव तभी आएगा जब वो अपने माइंड को अपनी सुविधा से कंफर्ट या ट्रबल जोन में रखेगा ।जब वो माइंड को फ्री या रिलैक्स जोन में रखेगा तभी अन्तर्द्वंद मुक्त रह सकेगा। धर्मसभा के प्रारंभ में साध्वी रत्न श्री म सा ने अंतगड़ दसांग सूत्र का वाचन करते हुए कहा कि पर्यूषण पर्व में त्याग और तपस्या करने पर घर आंगन में खुशी की लहर छा जाती है ।उन्होंने देवकी महारानी, मां सुलसा, कृष्ण , गजसुकुमाल और अरिष्ट नेमी प्रभु के प्रसंगों की विस्तृत विवेचना कर अंतग़ड़ दसांग सूत्र का श्रवण कराया। मीडिया प्रभारी सुधीर जैन ने बताया कि धर्मसभा में बड़ी संख्या में सामूहिक तेला तप की तपस्या करने वाले श्रावक श्राविकाओं ने प्रत्याख्यान लिए। ममता नंदावत के नौ उपवास,वंदना कोठारी ने छह उपवास और एक गुप्त तपस्या 20 उपवास के प्रत्याख्यान दिलाए गए। श्रमण संघ महामंत्री राजेश सेठिया ने जानकारी दी कि सामूहिक तेले करने वाले श्रावक श्राविकाओं का सामूहिक पारणा श्रमण संघ द्वारा रविवार को प्रात:7 बजे आकाशवाणी रोड पर श्री नानू नवकार भवन में किया जाएगा। धर्मसभा में महिलाओं ने बड़े कलप के अवसर पर चूंदड़ी पहनकर धर्मसभा में भाग लिया।धर्मसभा का संचालन श्रमण संघ अध्यक्ष किरण डांगी ने किया। धर्मसभा के समापन पर सभी ने गुरूवंदना की और धर्म मुनि म सा द्वारा मांगलिक प्रदान की गई ।