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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। देश की प्रतिष्ठित लेखा संस्था इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने 12 से 14 अगस्त तक अपनी 445वीं काउंसिल मीटिंग का आयोजन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में किया। यह पहली बार था जब 22 अप्रैल की दुखद बैसारण घटना के बाद घाटी में किसी राष्ट्रीय संस्थान ने इतनी उच्च-स्तरीय बैठक की। इस दौरान ICAI ने स्थानीय बच्चों के साथ 79वां स्वतंत्रता दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया। इससे घाटी में नया आत्मविश्वास और उम्मीद जगी। जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ कॉस्ट ऑप्टिमाइजेशन, विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम विकास, स्थानीय निकायों में लेखा सुधार और रोल बेस्ड अकाउंटिंग जैसी पहलों पर सहयोग का प्रस्ताव रखा गया। विद्यार्थियों के लिए बड़ी राहत – ICAI ने जम्मू-कश्मीर के विद्यार्थियों को सीए कोर्स की 75% फीस माफी देने और यहां एक Centre of Excellence स्थापित करने की घोषणा की। बैठक में 130 से अधिक सदस्य और उनके परिजन शामिल हुए, जिसने पर्यटन को भी नया जीवन देने का संदेश दिया। ICAI अध्यक्ष सीए. चरणजोत सिंह नंदा ने कहा –"हम केवल वित्तीय वास्तुकार नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण के भागीदार हैं। जम्मू-कश्मीर में आर्थिक पुनर्जीवन, पर्यटन को बढ़ावा और विकासात्मक सहयोग के प्रति ICAI प्रतिबद्ध है।"वहीं ICAI उपाध्यक्ष सीए. प्रसन्न कुमार डी ने कहा कि यह आयोजन एकजुटता, सेना के प्रति सम्मान और जम्मू-कश्मीर की प्रगति में योगदान का प्रतीक है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी परिषद बैठक में शिरकत कर ICAI का आभार जताया। उन्होंने कहा कि ICAI की उपस्थिति राज्य में आत्मविश्वास और सुशासन को मजबूत करेगी।