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सीधा सवाल। भादसोड़ा। भादसोड़ा की उपबस्ती सुथारिया खेड़ा (भादसोड़ा खेड़ा) में श्री चारभुजा मंदिर के सामने रविवार को गवरी नृत्य का मंचन हुआ। गवरी नृत्य में केवल पुरुष कलाकार ही भाग लेते हैं। इसमें मांदल और थाली का प्रयोग किया जाता है, जिस कारण इसे राई नृत्य भी कहा जाता है। यह एक पवित्र नाट्य परंपरा है, जिसमें शिव और पार्वती की कथा को 'बुड़िया' और 'राई' के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। गवरी नृत्य की उत्पत्ति शिव-भस्मासुर की कथा से मानी जाती है। यह नृत्य भील जनजाति की संस्कृति और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने आनंद लिया।