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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जैन समाज के पर्यूषण पर्व के पांचवें दिन श्री जैन दिवाकर स्वाध्याय साधना संस्थान भवन में आयोजित धर्म सभा में छोटे जैन दिवाकर धर्म मुनि म सा ने अपने प्रवचन में कहा कि 32 शास्त्रों का अध्ययन करना श्रावक श्राविकाओं के लिए आवश्यक है। जिनवाणी के प्रति जिनका विश्वास जम गया उसका कल्याण निश्चित है। उन्होंने कहा कि साधु संतों को अपने संयम में रमना पड़ता है। पैसे और जवानी का नशा हजम करना आसान नहीं है । इसलिए सभी सरलता भाव में जीएं और धर्म में लगे रहें। उन्होंने कहा कि धर्म का निमित्त दोबारा नहीं मिलेगा इसलिए हम समय का सदुपयोग करते हुए धार्मिक कर्म करते रहें। धर्म मुनि ने कहा की आत्मा तीर्थ है और 24 घंटे नवकार मंत्र का जाप जिस घर में हो रहा है वह तीर्थ स्थल के बराबर है। त्याग करने से पुण्य का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने कहा कि स्वाद को जीतने वाला तिर जाता है । व्यक्ति के मन वचन काया के योग का समन्वय ही गुरु को प्रसन्न करता है। मीडिया प्रभारी सुधीर जैन ने बताया कि धर्म सभा में केशव मुनि ने प्रवचन देते हुए कहा कि हमारे पास तीन प्रकार की चॉइस है जिसमें पहली सांसारिक दूसरी धार्मिक और तीसरी न्यूट्रल है। सांसारिक चॉइस में व्यक्ति पैसा, प्रशंसा और प्रसिद्धि के उद्देश्य से आगे बढ़ता है। सांसारिक चॉइस के इन मार्गों पर चलकर व्यक्ति पाप की गठरी ही बांधता है वहीं धार्मिक चॉइस में प्रेम ,प्रसन्नता और पवित्रता का भाव बना रहता है। प्रेम बातों से नहीं होता उसे जीना पड़ता है। उन्होंने कहा जीवन के प्रति प्रेम भाव रखो, प्रेम का आसमान हमेशा खुला है।प्रसन्नता का भाव जरूरतमंद की सहायता करने से आता है। पवित्रता को बचाने के लिए पुरुषार्थ चाहिए। यह भगवान महावीर के सिद्धांतों की ताकत थी कि की जो मारने वाला उनके शरण में आया उसे भी मोक्ष प्राप्त हुआ। केशव मुनि ने कहा कि पुण्य न्यूट्रल है पुण्य का महत्व उपयोगिता पर निर्भर करता है। पुण्य करने वाला दुर्गति से बच सकता है पुण्य उस छाते के समान है जो बरसात में भीगने से बचाता है। धर्म सभा के प्रारंभ में साध्वी रत्न श्री म सा ने अंतगड़ दसांग सूत्र के छठे वर्ग का श्रवण कराया और सोलहवें अध्ययन में प्रभु भगवान महावीर के शासन ,श्रेणिक राजा और अर्जुन माली के प्रसंग को विस्तृत सुनाया और कहा कि पर्यूषण पर्व आत्मा को पावन और पवित्र करने का अवसर है। धर्मसभा का संचालन श्रमण संघ अध्यक्ष किरण डांगी ने किया । श्रमण संघ महामंत्री राजेश सेठिया ने जानकारी दी कि धर्म मुनि ने निर्मला कर्णावत को 22 उपवास ,अनीता बाबेल , सुनीता डांगी को 8 उपवास,
अभय डांगी ,निकिता डांगी , वल्लभ मोदी, रजत चिप्पड़ अर्पित बोहरा , बसंती लाल बोहरा को 6 उपवास के प्रताख्यान दिलाए। प्रभावना सुरेश कुमार किरण कुमार संपत लाल डांगी परिवार द्वारा वितरित की गई।
संवत्सरी पर्व 28 अगस्त को प्रातः 8 बजे दिवाकर स्वाध्याय भवन में सामूहिक क्षमा याचना का कार्यक्रम रखा जा रहा है और उसके बाद समस्त जैन परिवारों का सामूहिक पारणा श्री नानू नवकार भवन में नवकारसी के बाद रखा गया है जिसमें सभी जैन परिवार आमंत्रित है। रविवार को श्री जैन दिवाकर स्वाध्याय साधना संस्थान भवन में साध्वी रत्न श्री म सा द्वारा कल्पसूत्र का वाचन किया गया तत्पश्चात भगवान महावीर जन्म कल्याण महोत्सव के अंतर्गत भगवान महावीर के जन्म की सुंदर नाट्य प्रस्तुति हुई जिसमें संगीता चीपड़,मीना तरावत, आशा चीपड़,मधु सेठिया, आशा पोखरना स्मिता तरावत,शीला लोढ़ा ,सीमा सिंघवी, दिलखुश खेरोदिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।