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सीधा सवाल। चिकारड़ा। गणपति महोत्सव को लेकर ग्रामीणों में उत्साह नजर आया। चहू और गणपति बप्पा मोरिया की धुन ही कानों में सुनाई दे रही है । गणपति महोत्सव समिति के अध्यक्ष उदय लाल गुर्जर द्वारा बताया गया कि पिछले कई सालों से गणपति पर्व को लेकर ग्रामीणों में काफी उत्साह देखा गया है यहां तक की रोजी-रोटी के लिए यहां से बाहर गए व्यक्ति भी इस मौके पर गणपति बप्पा की सेवा में हाजिर होता है । गणपति महोत्सव समिति में सैकड़ो की संख्या में सदस्य गण है जो गणपति बप्पा की सेवा पूजा आराधना के साथ लगा हुआ दिखाई दिया। गणपति चौक पर आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय बाल कलाकार युवक यूवतियों के सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ महिला पुरुष बालक बालिकाएं युवक युवतिया अलग-अलग राउंड में गरबा को प्रवान चढाती है। शनिवार रात्रि में उत्तराखंड के कलाकारों ने शिव पार्वती की सजीव झांकियां प्रदर्शित करते हुए कार्यक्रम को स्वर्णिम स्वरूप देने का प्रयास किया उनके कार्यक्रम देखकर ग्रामीण भी वाह वाह करने लगे। उत्तराखंड के कल्चर को राजस्थान की धरती पर सजीव उतारना ही कलाकारों का हौसला बुलन्द है । इस कला को दर्शक गणों ने देखकर कलाकारों के हौसले बुलंद किए हैं । महोत्सव समिति के निर्मला लखारा ने बताया कि प्रतिदिन गरबा के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन महोत्सव परवान पर पहुचने लगा है । क्षेत्र के लिए यह सबसे बड़ा प्रोग्राम है। जिसमें लाखों रुपए खर्च करते हुए कार्यक्रम को बप्पा मोरया के प्रति समर्पित करते हैं तथा क्षेत्र में सनातन के प्रति अलग भी जगाने का कार्य किया जाता रहा है। सांवलिया जी चौराहा के खटीक बस्ती में भी गणपति विराजित करने के बाद लगातार गरबा सांस्कृतिक कार्यक्रम खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित होती रही है। इस मार्ग पर सांवलिया जी जाने वाली यात्री भी बप्पा का आशीर्वाद लेते हैं तथा गरबा में भी दो-दो हाथ जोड़ते हुए आगे की ओर निकल पड़ते है। कार्यक्रम के अंत में प्रसाद का वितरण होता है। खास बात यह रही की हल्की-फुल्की बरसात में भी ग्रामीण कार्यक्रम को देखने के लिए जुटे रहते हैं।