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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। प्रवाह समूह शंभूपुरा व पर्यावरण संरक्षण गतिविधि चित्तौड़गढ़ के संयुक्त तत्वाधान में शनिमहाराज मंदिर सामरी-शम्भूपुरा परिसर में खेजड़ली बलिदान का आयोजन किया गया। पर्यावरण गतिविधि प्रांत सह संयोजक धर्मपाल गोयल ने खेजड़ली बलिदान घटना से सभी को अवगत कराया व बताया कि भारतीय समाज में हमेशा से किस तरह पर्यावरण चिंतन व समझ रही है व किस तरह हम पर्यावरणीय समस्याओं को हल कर सकते है। अज़ीम प्रेम जी फांउडेशन के जगदीश धाकड़ ने युवाओं के द्वारा किये जा रहे काम की सराहना की और बताया कि युवा किस तरह समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते है। कन्नौज नाका सहायक वनपाल लेखराज ने वन और वन्यजीवों के महत्व और प्रकृति सामीप्य को साझा किया। इसके बाद सभी ने 363 बलिदानियों को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी व पर्यावरण संरक्षण की सपथ ली उसके अंतर्गत उपस्थित युवाओं ने पंचमहाभूतों के संरक्षण की शपथ राजस्थानी भाषा में ली। कार्यकर्ताओं को पानी प्लास्टिक के संरक्षण हेतु एक प्रशिक्षण दिया गया तथा उपस्थित अतिथि आगंतुकों को कपड़े का थैला प्रदान कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। अंत में शहीदों के स्मरण में खेजड़ी का पौधा लगाया। कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के जिला संयोजक सतीश सोनी, नगर संयोजक गोपाल कृष्ण दाधीच, धार्मिक प्रमुख गोविंद सोनी, प्रांत धार्मिक प्रमुख जितेंद्र त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में प्रवाह समूह के कार्यकर्ता उपस्थित रहे इसके उपरांत कार्यकर्ताओं ने प्रवाह समूह द्वारा संचालित जैव विविधता नर्सरी का अवलोकन दर्शन किया। स्थानीय प्रवाह संस्थान के युवाओं द्वारा स्वयं के स्तर पर तैयार की गई तथा उनके द्वारा विभिन्न अवसरों पर पौधारोपण किया जाता है वह पौधों का वितरण किया जाता है।