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कलेक्टर को सौंपा किसानों ने ज्ञापन, चेताया- नहीं मिली राहत तो करेंगे आंदोलन

सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। तुंबडिया, नेतावल, छापरी, डिंडोली, सिंहपुर, सांवता, सरोपा, लांघच सहित आसपास के गांवों के किसानों ने बुधवार को जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मातृकुंडिया बांध से तुंबडिया बांध तक पानी पहुंचाने की मांग की। किसानों ने बताया कि तुंबडिया बांध पिछले 5 वर्षों से खाली पड़ा है। मुख्य कारण है कि डिंडोली तालाब से होकर आने वाला पानी रुका हुआ है।
पूर्व पंचायत समिति सदस्य आजाद पालीवाल के नेतृत्व में दिए गए ज्ञापन में कहा गया कि प्राकृतिक नहर के जरिए मातृकुंडिया बांध का पानी तुंबडिया बांध तक आसानी से पहुंच सकता है, लेकिन सिंचाई विभाग और प्रशासन किसानों की मांग पर ध्यान नहीं दे रहा।
पालीवाल ने बताया कि तुंबडिया बांध भरने से आसपास के करीब 300 गांवों में जलस्तर बढ़ता है और किसानों को नहरों से सिंचाई का लाभ मिलता है। इस समय मातृकुंडिया बांध के गेट खुले हुए हैं और बारिश के चलते जलाशय भरे हुए हैं, लेकिन पानी का बड़ा हिस्सा बनास नदी व अन्य जिलों में चला जा रहा है। स्थानीय किसानों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा।
किसानों का कहना है कि खेतों में पानी नहीं होने से कुएं, ट्यूबवेल व तालाब सूखे पड़े हैं। इस कारण फसल बोना मुश्किल हो रहा है और उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है।
किसानों ने चेतावनी दी है कि 15 दिन में मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन, चक्का जाम और भूख हड़ताल की जाएगी। किसान नेताओं शंकरलाल जाट, अनिल जाट ने कहा कि पूर्व में भी आश्वासन मिला था कि इस बारिश में पानी तुंबडिया बांध तक पहुंचेगा, लेकिन योजना आज तक धरातल पर नहीं उतरी।
ज्ञापन देने वालों में गुलाबचंद शर्मा, डालचंद शर्मा, कालूराम शर्मा, संजय जाट, मदनलाल जाट, कैलाश शर्मा, नानूराम अहीर, नारूलाल जटीया, नानालाल शर्मा, सुरेश पुनिया, देवीलाल अहीर, राधेश्याम कुमावत, पप्पू ओझा सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।