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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने बुधवार को विधानसभा में चित्तौड़गढ़ जिले मे हो रहे अवैद्य भूजल दोहन को रोकने व जिले को डार्क जोन से बाहर निकालने का मुद्दा सदन में उठाया।
विधायक आक्या के प्रश्न के जवाब में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल चैधरी ने सदन में बताया की चित्तौड़गढ़ जिले में भूजल दोहन की दर 161.62 प्रतिशत है तथा जिला अति दोहित श्रेणी में आता है। उन्होने विधानसभा वार भूजल दोहन का ब्योरा देते हुए बताया की भेसरोडगढ़ में 126.26 प्रतिशत, गंगरार में 140.95 प्रतिशत, बेगुं में 167.82 प्रतिशत, बड़ी डुंगला में 158.92 प्रतिशत, बड़ी सादड़ी में 190 प्रतिशत, भदेसर में 195.40 प्रतिशत व चित्तौडगढ़ में 198.93 प्रतिशत, राशमी में 169.74 प्रतिशत, भूपालसागर में 183.59 प्रतिशत व कपासन में यह दर 176.74 प्रतिशत अधिक है तथा समस्त क्षेत्र अतिदोहित श्रेणी में आते है।
मंत्री कन्हैयालाल ने बताया की औद्योगिक ईकाईयो द्वारा किये जाने वाले दोहन को रोकने हेतु सरकार भूजल दोहन, नियंत्रण व भूजल संरक्षण प्रबंधन बिल पेश किया गया है।
इस पर विधायक आक्या ने पूरक प्रश्न करते हुए पूछा की जिले में भूजल के वैध और अवैध दोहन का आंकड़ा बढ़ने का क्या कारण है तथा सरकार के स्तर पर इसे रोकने हेतु क्या उपाय किये जा रहे है। औद्योगिक ईकाईयो द्वारा भूजल दोहन पर बिल में कोई विशेष प्रावधान किये गये है तो बिल का सारांश बतावे।
इस पर मंत्री कन्हैयालाल ने सदन को अवगत कराते हुए बताया की देश में भूजल दोहन की दर 11 प्रतिशत है तथा राजस्थान में यह दर 147 प्रतिशत होकर चित्तौडगढ़ जिले में सबसे ज्यादा है। जिले में औद्योगिक ईकाईयों द्वारा भूजल का अधिक दोहन किया जा रहा है वहां पानी अधिक काम में आ रहा है। जितना दोहन किया जा रहा है उतना किस प्रकार पुर्नभरण किया जाए इस हेतु सरकार बिल लाई है। इस बिल में किसानो व व्यक्तिगत पेयजल उपयोग को छोड़कर अतिदोहन को रोकने हेतु सरकार द्वारा प्रावधान किये गये है।
विधायक आक्या ने सदन में कहा की चित्तौड़गढ़ जिले में बड़ी संख्या में सीमेण्ट व अन्य औद्योगिक ईकाईयां है तथा अनेक इंडस्ट्रीज जिले में अपना उद्योग स्थापित करना चाहती है। इस प्रकार चित्तौड़गढ़ जिला औद्योगिक हब बनना चाहता है, लेकिन जिला डार्क जोन में होने की वजह से उन्हे इस जिले में इंडस्ट्रीज लगाने की स्वीकृती नही मिल पा रही है। इस मानसून सिजन में चित्तौड़गढ़ जिले में अच्छी वर्षा हुई है जिससे सभी नदी, तालाब व बांध पूर्णतया भर गये है। इसलिए चित्तौड़ जिले को डार्क जोन से हटाया जाए।
इस पर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल ने कहा की अति दोहन से चित्तौड़गढ़ सहित अन्य जिलो को बाहर निकालने हेतु सरकार बिल लाई है इस बिल में भूजल दोहन रोकने हेतु कड़े प्रावधान किये गये है। जहां तक राजस्थान में निवेश का सवाल है राजस्थान की संवेदनशील भजनलाल सरकार द्वारा राइजिंग राजस्थान के माध्यम से निवेशको को राजस्थान में निवेश करने हेतु हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
सदन में भूजल दोहन पर नियंत्रण व भूजल संरक्षण प्रबंधन पर पेश बिल के समर्थन में बोलते हुए विधायक आक्या ने सुझाव दिया कि इस बिल के पारित होने पर किसान व आम आदमी को कोई परेशानी न हो यह सुनिश्चित किया जाए व इस कमेटी का चेयरपर्सन विभाग के मंत्री को बनाया जाए तथा इसमें प्रत्येक संभाग से चुनिंदा विधायकों को सदस्य के रूप मे शामिल किया जावे। उन्होंने बिल के पारित होने पर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को बधाई देते हुए उनका आभार व्यक्त किया।
मंत्री कन्हैयालाल ने बताया की औद्योगिक ईकाईयो द्वारा किये जाने वाले दोहन को रोकने हेतु सरकार भूजल दोहन, नियंत्रण व भूजल संरक्षण प्रबंधन बिल पेश किया गया है।
इस पर विधायक आक्या ने पूरक प्रश्न करते हुए पूछा की जिले में भूजल के वैध और अवैध दोहन का आंकड़ा बढ़ने का क्या कारण है तथा सरकार के स्तर पर इसे रोकने हेतु क्या उपाय किये जा रहे है। औद्योगिक ईकाईयो द्वारा भूजल दोहन पर बिल में कोई विशेष प्रावधान किये गये है तो बिल का सारांश बतावे।
इस पर मंत्री कन्हैयालाल ने सदन को अवगत कराते हुए बताया की देश में भूजल दोहन की दर 11 प्रतिशत है तथा राजस्थान में यह दर 147 प्रतिशत होकर चित्तौडगढ़ जिले में सबसे ज्यादा है। जिले में औद्योगिक ईकाईयों द्वारा भूजल का अधिक दोहन किया जा रहा है वहां पानी अधिक काम में आ रहा है। जितना दोहन किया जा रहा है उतना किस प्रकार पुर्नभरण किया जाए इस हेतु सरकार बिल लाई है। इस बिल में किसानो व व्यक्तिगत पेयजल उपयोग को छोड़कर अतिदोहन को रोकने हेतु सरकार द्वारा प्रावधान किये गये है।
विधायक आक्या ने सदन में कहा की चित्तौड़गढ़ जिले में बड़ी संख्या में सीमेण्ट व अन्य औद्योगिक ईकाईयां है तथा अनेक इंडस्ट्रीज जिले में अपना उद्योग स्थापित करना चाहती है। इस प्रकार चित्तौड़गढ़ जिला औद्योगिक हब बनना चाहता है, लेकिन जिला डार्क जोन में होने की वजह से उन्हे इस जिले में इंडस्ट्रीज लगाने की स्वीकृती नही मिल पा रही है। इस मानसून सिजन में चित्तौड़गढ़ जिले में अच्छी वर्षा हुई है जिससे सभी नदी, तालाब व बांध पूर्णतया भर गये है। इसलिए चित्तौड़ जिले को डार्क जोन से हटाया जाए।
इस पर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल ने कहा की अति दोहन से चित्तौड़गढ़ सहित अन्य जिलो को बाहर निकालने हेतु सरकार बिल लाई है इस बिल में भूजल दोहन रोकने हेतु कड़े प्रावधान किये गये है। जहां तक राजस्थान में निवेश का सवाल है राजस्थान की संवेदनशील भजनलाल सरकार द्वारा राइजिंग राजस्थान के माध्यम से निवेशको को राजस्थान में निवेश करने हेतु हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
सदन में भूजल दोहन पर नियंत्रण व भूजल संरक्षण प्रबंधन पर पेश बिल के समर्थन में बोलते हुए विधायक आक्या ने सुझाव दिया कि इस बिल के पारित होने पर किसान व आम आदमी को कोई परेशानी न हो यह सुनिश्चित किया जाए व इस कमेटी का चेयरपर्सन विभाग के मंत्री को बनाया जाए तथा इसमें प्रत्येक संभाग से चुनिंदा विधायकों को सदस्य के रूप मे शामिल किया जावे। उन्होंने बिल के पारित होने पर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को बधाई देते हुए उनका आभार व्यक्त किया।