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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। कृषि विज्ञान केन्द्र पर कृषि विभाग की ओर से दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण नेशनल मिशन ऑन ऐडिबल ऑयल सीड योजनान्तर्गत आयोजन किया गया जिसमें चित्तौड़गढ़ पंचायत समिति के विभिन्न गांवो से किसानो ने भाग लिया। प्रशिक्षण में प्रेमचंद वर्मा, परियोजना निदेशक, आत्मा, चित्तौड़गढ़ ने कृषको को प्रशिक्षण का महत्व एवं कृषि विभाग द्वारा किसानो के लिए संचालित विभिन्न योजनाओ के बारे में विस्तार से बताया। केन्द्र के डॉ. रतन लाल सोलंकी, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केन्द्र, चित्तौड़गढ़ ने तिलहनी फसलो में पोषक तत्व प्रबंध, मृदा स्वास्थ्य कार्ड का महत्व, तिलहन फसलो में जिप्सम प्रयोग का महत्व एवं प्राकृतिक खेती के फायदा के बारे में जानकारी दी गई।
ओ.पी. शर्मा, उपनिदेशक, आई.पी.एम. चित्तौड़गढ़ ने कृषकों को आने वाली रबी सीजन की तिलहनी फसलो की बुवाई से पूर्व खेत तैयारी, बीज उपचार, फसल की किस्मे, खाद एवं उर्वरक प्रबंधन, फसलों के प्रमुख रोग, किट एवं उनका नियंत्रण, खरपतवार नियंत्रण की मुख्य रूप से जानकारी दी गई। दिनेश जाट, सहायक कृषि अधिकारी, कृषि विभाग, चित्तौड़गढ़ ने किसानो को नेशनल मिशन ऑन ऐडिबल ऑयल सीड योजना में होने वाले फायदों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। गोपाल शर्मा, कृषि अधिकारी ने विभाग की योजनाएं यथा पीवीसी एवं एचडीपीई पाइपलाइन, कृषि यंत्र, फार्मपॉन्ड, गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना के बारे में बताया। संजय कुमार धाकड़, कार्यकम सहायक, केविके ने किसानो को सरसों की उन्नत खेती एवं केविके फार्म पर सोयाबीन बीज उत्पदन कार्यक्रम की प्रक्रिया समझाई। इस मौके पर शंकर लाल नाई, रिटायर्ड सहायक कृषि अधिकारी, जगदीश धाकड़, राजकुमार शर्मा, सहायक कृषि अधिकारी, यशोदा रेगर, कैलाश चन्द्र जाट, इरफान शाह, महेन्द्र यादव आदि स्थानीय कृषि पर्यवेक्षक आदि उपस्थित रहकर किसानो से संवाद किया।