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समाज को विमुक्त घुमंतू एवं अर्द्ध घुमंतू जनजाति की सूची में जोड़ने की रखी मांग
सीधा सवाल। कानोड़। अखिल भारतीय मेवाडा गायरी युवा महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष राम लाल गायरी कानोड़ ने मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को पत्र भेजकर धनगर जाति की उपजातियों गायरी, गाडरी, गारी, गडरिया समाज को राजस्थान सरकार की विमुक्त घुमंतू एवं अर्द्ध घुमंतू जनजाति की सूची में घुमंतू जाति में जोड़ने की मांग की।
गायरी ने पत्र में बताया कि पूर्व में क्षेत्र के मंत्री, विधायक, विमुक्त घुमंतू एवं अर्द्ध घुमंतू जनजाति महासंघ, राजस्थान सहित अन्य पदाधिकारियों के माध्यम से धनगर गायरी, गाडरी, गडरिया समाज ने समाज को राजस्थान सरकार की विमुक्त घुमंतू एवं अर्द्ध घुमंतू जाति की सूची में घुमंतू जाति में जोड़ने का आग्रह किया था।
बताया कि मध्यप्रदेश शासन ने वर्ष 2018 में ही धनगर गायरी, गाडरी, गडरिया समाज को धनगर की उपजाति के रूप में विमुक्त घुमंतू एव अर्ध घुमंतू जनजाति की सरकार की सूची में जोड़ दिया गया है और मध्यप्रदेश में समाज इस विभाग की योजनाओं का लाभ भी ले रहा है।
वहीं महाराष्ट्र सरकार ने धनगर गाडरी समाज को विमुक्त घुमंतू एव अर्ध घुमंतू जनजाति में जोड़ भी रखा है और महाराष्ट्र में धनगर समाज को 3.5% अलग से नौकरियों व शिक्षा में भी विमुक्त समुदाय में आरक्षण भी दे रखा है।
गायरी ने बताया कि हमारे गाडरी समाज का नामकरण भी गाडर (अर्थात भेड़ के) पालक होने के कारण गाडर नाम पर गाडरी रखा गया है ओर पशु को धन मानकर उनका पालन पोषण करने के कारण धनगर कहा गया है। हम मुख्य भेड़ पालक होकर भी राजस्थान सरकार की विमुक्त घुमंतू एवं अर्ध घुमंतू जनजाति की सूची में जुड़ने से वंचित रह गए है ओर उसके लिए धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
भारत के अन्य राज्यो में धनगर, गाडरी, गडरिया समाज इन योजनाओ का लाभ ले रहा है वहीं राजस्थान में अभी तक विमुक्त घुमंतू एव अर्ध घुमंतू में जोड़ा तक नहीं गया है। हमें अपनी भेड़ों को लेकर देश के कोने - कोने में भ्रमण करना पड़ता है और इसके कारण हमारे बच्चों की शिक्षा पर असर आने के कारण शिक्षा व नौकरियों में भी हम बहुत पिछड़े है।
भारत के अन्य राज्यो में 50 से भी अधिक जातियों को विमुक्त घुमंतू एव अर्ध घुमंतू जनजाति की सूची में जोड़ा गया है जबकि राजस्थान में सिर्फ 32 जातियां को ही जोड़ा गया है। इस कारण हमारा धनगर समाज इस सूची में जुड़ने से वंचित रह गया है।
मुख्यमंत्री से मांग की है कि राजस्थान सरकार से प्रस्ताव भिजवाकर हमारे धनगर समाज की सभी उपजातियों (गायरी, गाडरी,गारी, गडरिया) को विमुक्त घुमंतू व अर्द्ध घुमंतू जनजाति की सूची में घुमंतू जाति में जोड़ा जावे।